जो Vegan साथी जन आस्तिक हैं, उनसे एक प्रश्न है। अगर ईश्वर वाकई है तो हमें पहले क्रूर और फिर खुद ही के विवेक से Vegan बनने की ज़रूरत क्यों पड़ी? हमको लोगों को जगाने की ज़रूरत क्यों पड़ी? पृथ्वी को बचाने, ग्लोबल वार्मिंग से आने वाली सुनामियों को रोकने, और भुखमरी दूर करने के लिए हमें ही क्यों आगे आना पड़ा?
दुनिया का संचालन करने वाला क्या कर रहा है? जो गलत हो रहा, उसे होने दे रहा है और जब हम सही कर रहे हैं कुछ तो 70% दुनिया को हमारे ही खिलाफ कर रहा है। सभी महान और अच्छे लोगों को उम्र से पहले ही मार दिया या किसी दुष्ट को मारने दिया उसने जबकि बुरे लोगों को, अच्छे लोगों द्वारा कानून व सेना बना कर जान से मारना पड़ा है।
पृथ्वी की बुरी दशा और पशुओं की दुर्दशा क्यों हुई? सब हमें ही ठीक करना है और हम ही बिगाड़ रहे थे तो ये ईश्वर क्या करता है?
काहे इसकी इज़्ज़त करते हो? इसने आज तक अच्छा किया ही क्या है? खुद की इज़्ज़त करो क्योंकि जो कार्य उसे करना चाहिए था, वो हम कर रहे हैं।
मरे के लिए प्रार्थना करके दोषियों को गलत करने की खुली छूट देना बंद करो। मरा हुआ जंतु का जीवन अब कहीं नहीं है, जो तुम्हारी प्रार्थना उसे ज़िंदा कर देगी। हाँ अगर तुम खुद चिकित्सक बन कर उसे समय रहते बचा सको तो ज़रूर करो। लेकिन कायरों की तरह हाथ जोड़ने बन्द करो। इससे जुल्म नहीं रुकेगा।
सोचो और ईश्वर के सम्मान का एक भी कारण बताओ या आज ही अपने जीवन से एक और पाखंड हटाओ, लगे हाथ, तर्कवादी भी बन जाओ।
तर्कवादी (Rationalist) = विज्ञानवादी/युक्तिवादी/नास्तिक/धर्ममुक्त/सभी कुतर्को को नकारने वाला तर्कयुक्त सकारात्मक व्यक्ति। ~ Shubhanshu 2021©