Zahar Bujha Satya

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रविवार, अप्रैल 21, 2019

एक ही जीवन है, इसे मूर्खता में बर्बाद मत कीजिए ~ Shubhanshu

कोई लड़की भी हमसे सहमत हो तो कृपया बताये। खुले दिमाग के लड़के तो कई हैं हमसे सहमत (हमारे ही प्रयासों से) लेकिन मेरा फ़ोकस महिलाओं के open minded होने पर है क्योंकि वही पहली और प्रभावशाली शिक्षक होती हैं। उनकी सभी सुनते हैं। बच्चे, जवान या बूढे। महिलाओं में सबसे बड़ी समस्या है कि उनसे कहा गया है कि शर्म उनका गहना है। लेकिन कभी आपने सोचा कि ऐसा क्यों कहा गया?

यह पुरुषों के उस समाज ने कहा है जिस समाज ने महिलाओं को ज़िंदा जलाया है। जिन्होंने महिला को नर्क का द्वार बताया है। जिन्होंने उसे पैर की जूती बनाया है। जिनके लिए महिला होना एक कायरतापूर्ण स्थिति है। जिनके लिए महिला का नौकरी/व्यापार करना, आत्मनिर्भर होना, पुरूषों के पुरुष होने का अपमान है।

फिर शर्म तो पुरुष एक महिला होने पर करता है। महिला क्या होने पर करे? पुरूष होने पर? कमाल है कि अधिकतर पुरुष यह चाहते हैं कि महिला पुरुष जैसे कार्य न करें, उसके जैसी बात भी न करे, उसके जैसा कुछ भी नहीं करे। जब महिला बाल छोटे करवाती है तो पुरुष के ऊपर बिजली गिरती है। उसको लगने लगता है कि ये तो हमारी बराबरी पर आ रही है। जब महिला पुरूष जैसे कपड़े पहनती है तब भी उस पर बिजली गिरती है।

कुछ महिलाएं जो पुरूषों के ऊपर निर्भर हैं वे सबसे पहले नई छवि वाली लड़की को टोकती है। उनको डर है कि कहीं आप पुरुषों के गुस्से का शिकार न हो जाएं और आपको भी विवाह न होने की स्थिति में जिस्म बेचना पड़े। वे चाहती हैं कि जैसे वो एडजस्ट करती आई हैं आप भी करें। कहीं आप अगर कल्चर से अलग हो गई, आधुनिक हो गईं तो फिर इस कमाऊ पुरुष समाज से भीख कैसे मांगोगी? कैसे उसके बिस्तर पर जिस्म से एकतरफा उसके कर्ज को चुकाओगी? और अगर अपनी इच्छा से सेक्स पार्टनर का चुनाव करने में लग गईं तब?

अभी तो सिर्फ वह सैटिस्फाइड होता है तो आपको माल देता है, खर्च करने के लिए। जिस दिन आप सैटिस्फाइड होने लगीं तो उस दिन से पुरुष को कर्ज चुकाना पड़ेगा और फिर आप डोमिनेटिंग कहलाओगी जो अभी सिर्फ पुरुष का जन्मसिद्ध अधिकार है। वो आप पर ऑर्डर नहीं करेगा, आप उसको आर्डर दोगी तो गर्व में चूर मेल ईगो वाले पुरूष से बर्दाश्त तो होगा नहीं। जब तक आप को खुशी और संतुष्टि नहीं मिलती तब तक आप उसे छोडोगी नहीं जबकि वो सन्तुष्ट होकर आपको मझधार में छोड़ देते हैं।

मैंने एक डिसऑर्डर के बारे में पढ़ा है। Nymphomania Disorder नाम है इसका। इसकी शिकार प्रायः महिलांए ही क्यों होती है? कारण वही निकला, एक तरफा सेटिस्फिकेशन पुरुष के द्वारा। इस बीमारी में सेक्स की ज़रूरत के पूरा न होने से सेक्स न मिलने के प्रति एक भय और एडिक्शन (लत) पैदा हो जाता है जो कि आपको हमेशा सेक्स की तड़प में रह जाने की चिंता करवाता है। ऐसी महिलाएं बार-बार अपने पार्टनर बदलने लगती हैं क्योंकि एक तो मानव का बहुविवाही (polygamous) होना इसे प्रेरित करता है, दूसरा इसका सबसे बड़ा कारण है; सन्तुष्टि न मिलना।

अधिकतर पुरुष सेक्स को एक खेल की तरह लेते हैं। महिला को सेक्स डॉल समझते हैं जिसमें महिला के हाँ-न, पसन्द-नापसंद, आनंद-कष्ट से कोई मतलब नहीं। बस अपना पिस्टन चला के पिचकारी मारनी है। ऐसे लोगों की पिचकारी भी सबसे घातक होती है। इन desperate लड़कों के अंदर संयम नहीं होता। ये कभी भी अपना वीर्य योनि से बाहर नहीं छोड़ सकते और कंडोम इस्तेमाल करना इनको एक बवाल लगता है। इन्हीं को गुप्त रोग होते हैं जो आपको लगना तय है क्योंकि ये कभी सेक्स को न नहीं कहते और यही आपको गर्भवती बना कर भी अनचाही मुसीबत में डालते हैं। बस रोगों का पता महिला को कम चलता है क्योंकि महिला का शरीर प्रायः इन कीटाणुओं का शिकार नहीं बल्कि संवाहक होता है। (अपवाद: AIDS)

आपके ऑफर करने पर भी सेक्स को न कहने वाले लड़के ही आपकी पहली पसन्द होने चाहिए। यही लड़के अपने भीतर सेक्स के प्रति लालच नहीं रखते। ये दिन में 1 या 2 बार अच्छे पोर्न को देख कर हस्तमैथुन करते हैं या अपनी पार्टनर को सेटिस्फाइड करके खुद भी सेटिस्फाइड होते हैं या सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रहते हैं जबकि सेक्स के पीछे पागल लड़के न सिर्फ 24 घण्टे में 6 बार से ज्यादा हस्तमैथुन करते हैं बल्कि दिन भर पोर्न ही देखने के चक्कर में लगे रहते हैं। हर लड़की को सेक्युलाइज़ करके उसके कपड़े मन में उतार कर उसके साथ काम क्रीड़ा करने के दिवा स्वप्न देखते हैं और इन्हीं के लिंग में वीर्य रोकने का वॉल्व घायल होकर वीर्य को असमय गिराना शुरू कर देता है। ऐसे लड़के सिर्फ लड़की को देखने भर से ही वीर्यपात कर देते हैं और ये बेकार हो जाते हैं किसी भी महिला के लिए।

एक और प्रजाति है लड़कों की। यह प्रजाति है संकीर्णता की हद पार करने वाली प्रजाति। ये न तो हस्तमैथुन करते है और न ही पोर्न देखते हैं। ये अपना दिन धार्मिकों के साथ बिताते हैं और भजन कीर्तन में व्यस्त रहते हैं। ये वही प्रजाति है जो अब विलुप्ति की कगार पर है लेकिन इसी प्रजाति की लड़कियों की भरमार है। इनमें एक अजीबोगरीब समस्या पाई जाती है। इनको स्वप्नदोष बहुत होता है। हर स्वप्न में वे अपने घर, घर के आसपास की महिलाओं, लड़कियों के साथ सेक्स करते हैं। कमाल है न? ;-)

असल में दिमाग अपनी जरूरत पूरी करता ही है। जब आप वास्तव में सेक्स नहीं करोगे तो दिमाग जबरन स्वप्न में करवाएगा। यह कोई रोग नहीं है। परिस्थितियों का परिणाम है। इससे बचने का तरीका सिर्फ इतना है कि हर रात हस्तमैथुन या प्रॉपर सेक्स किया जाए।

और हाँ, यही लोग वास्तव में सेक्स की स्थिति आने पर लड़की की जांघ पर ही अपना पानी छोड़ देते हैं। इनसे भी आपको संतुष्टि नहीं मिल सकती।

एक और समस्या महिलाओं को रहती है। वह है कौमार्य की रक्षा करना। जबकि पुरुष इसे जल्द से जल्द खोना चाहते हैं। कौमार्य केवल एक झिल्ली नहीं है जिसके फटने से निकलता रक्त आप संभाल कर रखें। बहुत कम लड़कियों में यह झिल्ली होती है और प्रकृति में इसका होना केवल कीटाणुओं को अतिरिक्त परत के ज़रिए रोगों के भीतर जाने से बचाने में मदद करना रहा था जो कि बाद में खत्म हो जाती है या बहुत पतली हो जाती है।

कुछ को लगता है कि अगर उन्होंने विवाह किया और पति संकीर्ण विचार वाला, सुहाग रात में खून और दर्द की उम्मीद में बैठा मिला तो क्या होगा? जबकि आपको सोचना ये चाहिए कि अगर वह शीघ्रपतन का शिकार निकला तो क्या होगा? एक तो अनजान व्यक्ति से पहला सेक्स करने की परंपरा और दूसरे उसमें भी उस अनजान व्यक्ति को समाज के कहने पर अपना मान कर उसकी सन्तुष्टि के लिए मरी जा रही हैं? शर्म तो आपको यहाँ आनी चाहिए; पुरूष जैसे बाल कटवाने, कपड़े और बातें करने में नहीं।

रही बात विवाह विच्छेद (तलाक) के डर की तो जान लीजिये कि ऐसा कोई तलाक आज तक नहीं हुआ जिसका कारण कौमार्य का न होना हो। साथ ही कानून महिला (पत्नी) को ही तलाक का हक देता है न कि पति को (कुछ अपवादों को छोड़ कर)।

मैं ये सोचता हूँ कि आपकी हर दूसरी सहेली, सेक्स किसी से करती है और विवाह किसी और से और वो कभी आपको कौमार्य न होने से हुई समस्या नहीं बताती। फिर भी ये कुछ संकीर्ण, कौमार्य रक्षक लड़कियां, इस घटिया परंपरा को ढोती हैं और तड़पते हुए विवाह का इंतजार करती हैं।

यही बताती हैं आपके पूछने पर, "अरे शीला, ये मूड क्यों उखड़ा हुआ है? पहली रात कैसी रही?" और वो कहती है, "क्या बताऊँ यार, मत पूछो, इतना दर्द हुआ न, कि मैंने उनको कुछ करने ही न दिया। अब वो सेक्स न करने के कारण तलाक देने जा रहा है।" और आपको बता दें कि कानून सेक्स न करने पर तलाक दिलवाता है। आशा है कि आपको मेरी दी गई जानकारी से अवश्य ही लाभ हुआ होगा। धन्यवाद। ~ Vn. Shubhanshu SC 2019© 

2019/04/21 14:43

1 टिप्पणी:

Surendra Kumar (Atheist) ने कहा…

शुक्रिया सर! बहुत ही अच्छी पोस्ट हैं। अभी पठन जारी है।