Zahar Bujha Satya

Zahar Bujha Satya
If you have Steel Ears, You are Welcome!

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Live a unique and mostly perfect life



मैंने इतने जीवन में ये तो पाया है कि बुद्धिमान लोग हर जगह हो सकते हैं। देखने में चाहें वे कैसे भी लगते हों लेकिन हम बुद्धि को शक्ल से नहीं पहचान सकते।

Vegan (पशुउत्पाद मुक्त व क्रूरता मुक्त जीवन शैली) और धर्ममुक्त/तर्कवादी (किसी भी अतार्किक कार्य को न करना व मानना) हो जाना ही बुद्धिमान होने की पर्याप्त निशानी होती है।

उससे ऊपर जाने पर आप विवाह मुक्त (अप्राकृतिक बंधन मुक्त), Antinatalist (बच्चा मुक्त: बच्चे पैदा करने की समाज प्रेरित ललक का त्याग) और Nonconformist (समाज के पाखण्ड/सामाजिक व्यवहार को न मानना व औपचारिक न होना) यानि Social Norms से भी मुक्त हो सकते हैं।

उससे भी ऊपर जाने पर आप नेचरिस्ट/न्यूडिस्ट (नग्नतावाद), polyamorous, LGBTQ* और incest* को भी प्रकृति की देन जानने लगोगे।

*Naturism/Nudism: प्रकृति ने हम सबको नग्न पैदा किया है ताकि हमारे शरीर पर सूर्य की रोशनी लग कर विटामिन D बना सके। जिससे हमारी हड्डियों को भोजन व पानी से कैल्शियम का अवशोषण करके पोषण मिल सके। अपने बदन का मजाक उड़ाने वालों से डरना, अपने जिस्म, जिसे आप लोग मंदिर की तरह रखते हो शर्मनाक समझना मूर्खता की निशानी है। मौसम के अनुरूप सहन योग्य कपड़े पहन सकते हैं लेकिन शर्म के कारण कभी नहीं।

*Polyamorous: क्या हो, यदि आपको एक से अधिक साथियो से प्रेम हो जाये? एक दूसरे से छुपा कर सबको एकलौता प्रेमी बता कर धोखा दोगे? नहीं, धोखा किसलिए? मन से प्रेम है सदा के लिये। जिस्म से प्रेम ज़रूर अस्थायी है। फिर क्या दोस्ती तोड़ोगे? इस जीवनशैली में आप एक से अधिक साथियों से प्रेम होने पर उनके साथ परिवार की तरह या उनकी सहमति से अलग-अलग रह सकते हैं। सबको एक दूसरे के बारे में आपके उसके मध्य सेक्सुअल या asexual जो भी सम्बंध हो, पता होना चाहिये। ईर्ष्या हेतु कोई जगह नहीं बचेगी। समाज में प्रायः ऐसा कोई मौका पड़ता है तो केवल 2 लोग ही जुड़ पाते हैं और बाकियों को रोना पड़ता है या प्रेम मजबूत है तो जान भी देनी पड़ सकती है। अतः समाज का केवल 1 जोड़े वाला प्रेम हत्यारा है। अमानवीय और हिंसक है। प्रकृति polyamorous है।

*Incest: यह एक दुर्लभ संयोग हो सकता है कि आपको अपने जीवनकाल में ऐसा कुछ कभी देखना पड़े लेकिन जिनके साथ ऐसा हुआ है और जो भी ऐसा सहमति से करते हैं, उनको मना करना गलत है। दो प्रेम करने वाले चाहे एक परिवार से हों या दूसरे से। उनको रोकना-टोकना अमानवीय और कानून के खिलाफ है। मेरे जीवन मे ऐसा कभी नहीं हुआ। लेकिन किसी के साथ ऐसा होता है तो मैं उसका समर्थन करूँगा।

*LGBTQ: lesbian, Gay, bisexual, transgender, Questioned लिंग व काम आकर्षण के सामान्य (heterosexual) से भिन्न childfree प्रकार (sexual orientations) हैं। मैं अगर ऐसा कोई है तो उसका समर्थन करता हूँ।

यद्दपि मैं केवल विपरीत लिंग में ही रुचि रखता हूँ वो भी तब जब समान विचारधारा की female हो।

इन सबके अलावा भी मेरे जीवन में बहुत से तर्कवादी अनुशासन हैं जो कि प्रकृति और तर्क पर आधारित हैं। जिनको आप मेरे साथ रह कर ही जान सकोगे।

अब जो भी इन सब को अपना चुका है वो कम से कम 90% मेरे जैसे दिमाग के साथ पैदा हुआ है। बाकी साथी जितने भी अनुशासन/विचारधारा को समझ सके और अपना सके, वे उतने ही बाकी सामान्य लोगों से अधिक बुद्धिमान है।

हर विचार जो आपको जन समान्य से अलग और तार्किक रूप से सही साबित करता है, आपके सामान्य से अधिक बुद्धिमान होने की निशानी है। जितनी अधिक सही और सटीक विचारधारा, उतना वास्तविक और तार्किक जीवन प्रकृति के अनुरूप जीने की संभावना। उतना ही सफल जीवन जीने का आनन्द।

कोई भी आपको टोके, समझिये वह व्यक्ति नादान है। अज्ञानी है। हो सके तो उसको कोई सोचने वाला सवाल करके छोड़ दो। अक्ल होगी तो खुद खोजेगा और नहीं होगी तो फिर कितना भी समझा लो वो नहीं समझ सकता। तो फिर गर्व से जीवन जियें। प्रसन्नता से जियें और खुद को बधाई दें कि आपने अपनी बुद्धि का सदुपयोग किया। पढ़ने हेतु धन्यवाद! 😊 ~ Shubhanshu 2020©

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