सन 2050 में या उसके बाद सभी समुद्र के करीब स्थित देशों में प्रलय आना शुरू हो जाएगी। उसका प्रमुख कारण होगा जानवरों की उनके उत्पाद हेतु खेती। अधिक मात्रा में जब व्यापार हेतु इनको एक साथ रखा जाता है तो मीथेन गैस पैदा होती है जो कि प्रलय लायेगी। दूसरा प्रमुख कारण है जीवाश्म ईंधन। यानि पेट्रोल, डीजल, केरोसीन, LPG, कोयला आदि।
इसके प्रयोग से दूसरी गैस CO2 पैदा होती है जो प्रलय लाएगी। ये जाँचा परखा सत्य है कि यही मूल कारण हैं ध्रुवों पर गर्म होती पृथ्वी का। समुद्र का तल प्रतिवर्ष कुछ इंच बढ़ता जा रहा है। जल्द ही हमारी पीढ़ियां पानी में डूब कर मर रही होंगी। इंसान अपने साथ सारा स्थलीय जंतु और वनस्पति जगत भी ले डूबेगा।
जीवन जहाँ से आया वहीं वापस जाने वाला है। अभी भी समय है। Vegan बनो, पैदल और साइकिल से चलो, बैटरी व फ्यूल सेल (पानी से चलने वाला ईंजन) से चलने वाले वाहन चलाओ। थोड़ी दया और सहानुभूति रखो अगले से। या फिर जो होना है उसमें ऐसे ही सहयोग करते रहिए। मृत्यु तो आनी ही है। जल्दी ही सही! 😊👍 ~ Shubhanshu 2020©
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