Zahar Bujha Satya

Zahar Bujha Satya
If you have Steel Ears, You are Welcome!

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Money can't buy anyone's rights ~ Shubhanshu



मेरे कम दोस्तों के पीछे सबसे बड़ा कारण है, ज्यादा लड़कों का 'महिलाओं को मजे का सामान' समझना। वैश्यालयो के उदाहरण से उन्होंने सोच लिया है कि महिला किराये पर दिया जाने वाला एक उत्पाद है। सभ्य समझे जाने वाले लोगों ने भी उस उत्पाद का नाम 'इज़्ज़त' रखा है जो कि लूटी जा सकती है।

बलात्कारी भी पकड़े जाने पर महिला के मुहँ पर पैसा ही मारते हैं सबसे पहले ताकि केस वापस ले ले। पैसा सबकी ज़रूरत है और कई बार लोग इसके बदले समझौता कर लेते हैं। इसलिए अमीर लोग अगर ऐसे ही पुरुषवादी हैं तो वे ज्यादा जबर्दस्ती करते हैं क्योंकि उनको लगता है कि पैसे से वो कुछ भी खरीद सकते हैं।

भले ही सेक्स वर्कर सेक्स बेचते हैं, सेवा के रूप में लेकिन इसका ये कोई मतलब नहीं बनता कि हर कोई उनकी तरह सोचता हो। सेक्स वर्कर से किसी आम महिला की तुलना करना एकदम गलत है क्योंकि वो ड्यूटी पर नहीं है। वो अपना जिस्म नहीं बेच रही।

आप जिस्म की मंडी में बोली लगा सकते हैं, पैसे के हिसाब से सेवा ले सकते हैं लेकिन यह हरकत मंडी से बाहर की तो जान से जाओगे। हम सबका जिस्म हमारी सम्पति है और इसे कौन छुएगा ये हम तय करेंगे। कोई पैसे वाला इस अधिकार को नहीं छीन सकता।

भले ही कोई मजबूरी में उस घमंडी अमीर को ये अधिकार बेच दे और कुछ पैसे लेकर समझौता कर ले लेकिन किसी की मजबूरी का फायदा उठाना इंसानियत नहीं हो सकती। किसी न किसी दिन कोई हिम्मत वाली लड़की आपकी गांड तोड़ के अंगारे भरवा ही देगी।

तब मैं उसे सम्मानित करूँगा और मर्दवादी निर्लज्ज पुरुषों, तुम्हारे लिए मेरे मन में कोई जगह नहीं है। मेरे जैसी सोच रखने वाला एक मित्र मेरे साथ बचा है। लेकिन और लोगों से अनुरोध है कि वे भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर अपनी सोच बताइये। ~ Shubhanshu Dharmamukt 2020©

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