Zahar Bujha Satya

Zahar Bujha Satya
If you have Steel Ears, You are Welcome!

Translate

रविवार, दिसंबर 22, 2019

अपनी तो जैसे-तैसे कट जाएगी! आपका क्या होगा? जनाबे आली? ~ Shubhanshu



जो भी विद्वान इस तरह की पोस्ट (चित्र देखें) पेल रहे, आप एक बात बताओ।

नास्तिक हो या धर्ममुक्त? नास्तिक हो तो कैसे नास्तिक हो जो एक से नफरत और बाकी धर्म से प्रेम है?

धर्ममुक्त हो तो आपको क्या डर या परवाह है कि कोई किसी धर्म को बाहर कर देगा?

जाति मुक्त हो या नौटँकीबाज?

जातिमुक्त हो तो SC/ST का लेबल हटाओ। फिर किस बात का डर? न पूछो न बताओ जातिमुक्त देश बनाओ।

नाम से जाति खोजने वालों को मारो 10-10 थप्पड़। यही कमीने जातिवादी हैं। बाबा साहब भीम राव राम जी अम्बेडकर, रामा स्वामी अययर पेरियार, भगत सिंह आदि लोगों ने तो अपना नाम नहीं बदला या अपना परिवार नाम नहीं हटाया!

फिर ये कौन से जातिमुक्त लोग हैं जो नाम में जाति खोज रहे? नाम के आगे पीछे कुछ और ही तूतियापा लगा ले रहे? आपकी मर्जी है कि आप अपने नाम में क्या लगाते हैं लेकिन जातिवादी नहीं है दिखाने के लिये नाम की ऐसी तैसी न कीजिये। अजीब सरनेम से आप वैसे ही विशेष जाति समुदाय के दिखने लगते हो। जो अपना उपनाम छुपाता है अपने आप आरक्षित वर्ग का समझा जाता है। फिर कैसे हो गया जातिमुक्त कोई सरनेम हटा कर? जातिमुक्त मन से होता है इंसान। नाम से नहीं।

मारो इनको थप्पड़ और नहीं मार सकते तो सब अपने नाम सवर्ण जैसे रख लो। क्या समस्या है?

नौटंकी बाज ही हो तो ये बताओ कि SC/ST से तो सारा काम चलता है देश का तो उनको कोई निकाल कर अपना ही जीवन बर्बाद क्यों करेगा? 85% लोगों को कोई कैसे निकाल सकता है? बुद्धि है या नहीं?

सभी लोग मिल कर नास्तिक हों इसकी बात करनी चाहिए आपको न कि धर्मों का संरक्षण कर रहे। सभी नास्तिक धर्ममुक्त बनिये। फिर देखिए कौन आपको परेशान करता है। धर्ममुक्त जयते। ~ Shubhanshu 2019©

कोई टिप्पणी नहीं: