प्रश्न: ज़हरबुझा सत्य और साधारण सत्य में क्या अंतर है?
कृपया उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर: मान लीजिये कि श्रीमति A आपकी माता जी हैं।
यह सत्य है। इस सत्य से आपको कोई फर्क नहीं पड़ता
लेकिन जब मैं आपको बताता हूँ कि श्री A आपके पिता
नहीं हैं तो आपके पांव तले ज़मीन खिसक जाती है।
यही है ज़हरबुझा सत्य।
अन्य व्याख्या:
1. आदिवासी लोग शिकार करने के लिए या सुरक्षा के लिये अपने तीरों को ज़हर में गर्म करके डुबोते हैं और इस क्रिया से ज़हरबुझे तीर बनते हैं। यह तीर अगर किसी कम नुकसानदेह जगह पर जैसे खरोच भी मार दें तो उन पर लगा ज़हर शिकार की जान ले लेता है। यह ख़ास शब्द ही यहाँ प्रयोग किया गया है।
लोग सत्य बर्दाश्त नहीं कर सकते जैसे ज़हर नहीं कर पाते। इसलिये यह उचित लगता है।
2. यह एक अतिश्योक्ति है उनके लिये जो सत्य से कतराते हैं उसे कड़वा या ज़हरीला समझ कर। जबकि वह तो दवा है। ज़हर से ज़हर कटता है।
3. हर वह सत्य जिससे आपको पहले तकलीफ हो लेकिन बाद में संतुष्टि का एहसास हो, वह ज़हरबुझा सत्य है।
4. हर वह सत्य जो छिपाया जाता है, जो व्यक्तिगत नहीं है; वही ज़हरबुझा सत्य है।
कृपया उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर: मान लीजिये कि श्रीमति A आपकी माता जी हैं।
यह सत्य है। इस सत्य से आपको कोई फर्क नहीं पड़ता
लेकिन जब मैं आपको बताता हूँ कि श्री A आपके पिता
नहीं हैं तो आपके पांव तले ज़मीन खिसक जाती है।
यही है ज़हरबुझा सत्य।
अन्य व्याख्या:
1. आदिवासी लोग शिकार करने के लिए या सुरक्षा के लिये अपने तीरों को ज़हर में गर्म करके डुबोते हैं और इस क्रिया से ज़हरबुझे तीर बनते हैं। यह तीर अगर किसी कम नुकसानदेह जगह पर जैसे खरोच भी मार दें तो उन पर लगा ज़हर शिकार की जान ले लेता है। यह ख़ास शब्द ही यहाँ प्रयोग किया गया है।
लोग सत्य बर्दाश्त नहीं कर सकते जैसे ज़हर नहीं कर पाते। इसलिये यह उचित लगता है।
2. यह एक अतिश्योक्ति है उनके लिये जो सत्य से कतराते हैं उसे कड़वा या ज़हरीला समझ कर। जबकि वह तो दवा है। ज़हर से ज़हर कटता है।
3. हर वह सत्य जिससे आपको पहले तकलीफ हो लेकिन बाद में संतुष्टि का एहसास हो, वह ज़हरबुझा सत्य है।
4. हर वह सत्य जो छिपाया जाता है, जो व्यक्तिगत नहीं है; वही ज़हरबुझा सत्य है।
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