मैंने अधिकतर देखा है कि पुरुष छेड़खानी रोक देते हैं जब महिला का पति या भाई आकर उसे बचाता है। लेकिन यदि साथ में बॉयफ्रेंड है तो बलात्कार होना तय है। यह दर्शाता है कि बलात्कारी महिला को विवाहित देखना चाहते हैं।
अभी भी यदि कोई छेड़खानी होती है तो महिला को ही ताना पड़ता है कि अकेली आई क्यों? या बॉयफ्रेंड के साथ काहे घूम रही? इतनी आग लगी है तो विवाह क्यों नहीं कर लेती? विवाह ही है बलात्कार की जड़।
भारतीय संस्कृति भी यही कहती है कि महिला घर से अकेले बाहर न जाये। यूरोप, एशिया, अमेरिका और अरब की संस्कृति भी यही दोहराती है।
यह सभी संस्कृति धर्मो से निकली हैं। जो स्त्री को तो डिब्बे में बंद करके रखने की हिदायत देती है लेकिन पुरुषों को अकेली महिला देख कर उसकी हिफाज़त की हिदायत नहीं देती।
इसीलिए पुरुषों ने खुद ही उनको डिब्बे में बंद कर देने की हिदायत को मनवाने का कारगर तरीका खोज लिया है। 90% बलात्कार/छेड़छाड़ धार्मिक संस्कृति को बचाने के लिए ही होते हैं।
बाकी के 10% पुरुष, विवाहमुक्त महिला के संभोग साथी के रूप में न मिलने से मिली यौन कुंठा से ग्रस्त होकर और हस्तमैथुन को गलत मानने के कारण करते हैं। लेकिन इनके बलात्कार भीभत्स और भयंकर नहीं होते। कानून से बचने के चक्कर में भले ही वे बेमन से किसी को नुकसान पहुंचा दें।
पोर्न सिर्फ हस्तमैथुन न करने वाले के मस्तिष्क को बलात्कार की तरफ ले जा सकता है क्योंकि वह अपनी आग को भड़का तो लेता है लेकिन बुझाने के लिए उसे योनि ही चाहिए।
इसलिए सभी महिलाओं को, हस्तमैथुन न करने वाले/इसका विरोध करने वाले लोगों से सावधान रहना चाहिये क्योंकि ऐसा व्यक्ति जब भी कामोत्तेजित होगा तो आपका बलात्कार तय है। और उसे कामोत्तेजित करने के लिए हर बार पोर्न की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि अगर बहुत समय तक संभोग न किया जाए तो विपरीत लिंग की शक्ल/आवाज और साये से भी यौन उत्तेजना जाग्रत हो सकती है। यही कारण है कि बुर्का/दुपट्टा किसी काम के नहीं हैं।
अगर वास्तव में बलात्कार जैसी घृणित परिस्थिति को खत्म करना है तो मैरिटल रेप को स्वीकृति देने वाली विवाह संस्था को नष्ट करना ही होगा। विवाह और बच्चों को पैदा करना आप पर थोपा जाता है। यह आप कभी स्वयं करना नहीं चाहते। इसका जीता जागता प्रमाण है; विवाह पूर्व सम्भोग और बच्चा हो जाने पर गर्भपात करवाना या आत्महत्या कर लेना। बॉयकॉट विवाह! 👍 ~ Shubhanshu 2020©
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें