Feminism, Veganism, Anti-Natalism and Religion Free Atheism में गहरा सम्बन्ध है जो कि आम कम बुद्धि के लोग समझ नहीं सकते। लेकिन हम जो लोग इसे समझते हैं, आपको समझाने का प्रयास अवश्य करेंगे।
Feminism: हर Female के अधिकारों की रक्षा व लैंगिक भेदभाव को खत्म करने, व अबतक हुए नुकसान की भरपाई हेतु समता (Equity) के लिये न्याय की मांग।
Veganism: सभी पशुओं को मानव समान अधिकार व कानून का लाभ देना और उनका उपभोग, शोषण रोकने के लिये न्याय की मांग करना। सबसे अधिक दोहन मादाओं (females) का होता है। मुर्गी, भैंस, गाय, बकरी आदि females का शोषण, दोहन सबसे अधिक होता है। क्या उनको न्याय की आवश्यकता नहीं है?
Anti-Natalism: कोई भी जन्म नहीं लेना चाहता। जो ले चुके, वे मरने के लिये तरस रहे हैं। जीवन संघर्ष तकलीफ़ देता है। सभी को अच्छा माहौल नहीं मिलता। या तो लोग अपराधी बन जाते हैं या गुलाम/पीड़ित। हर बच्चा, आगे जाकर पूरा वंश बनाता है और उसके लिये ज़मीन, जल, जंगल का दोहन करके बंजर जमीन और कंक्रीट के जंगल बना देता है। पानी, जमीन और हवा को प्रदूषित करता है। महिलाओं, पशुओं और कुदरत का शोषण करता है। अतः किसी को जीवन संघर्ष में डाल कर तड़पाना और प्रकृति का दोहन करना अन्याय है।
Religion Free Atheism: लगभग सभी धर्म पशुबलि, पशुउत्पाद का समर्थन करते हैं। सभी धर्म पितृसत्तात्मक विवाह व पुरूष वंश सत्ता के जनक हैं। सभी धर्म पाखंड और कुतर्क का समर्थन करते हैं। विज्ञान व कानून का विरोध करते हैं। स्त्री-पुरुष व पशुओं को एक समान अधिकार देने के खिलाफ हैं।
क्या आप इन सब मे कोई सम्बंध ढूढ़ सकते हैं? मुझे तो दिखता है। ये सब विचार न्याय पर केंद्रित हैं और एक भी विचार को छोड़ देने से अन्याय होना शुरू हो जाता है। अतः अगर पूरी तरह से न्याय चाहिए तो ये सब एक साथ अपनाने होंगे। मैं अपना रहा हूँ। आप कब अपनाएंगे?
इनको सम्मिलित रूप से eco feminism भी कहते हैं जिसमें अलग-अलग लोगों द्वारा सुविधा अनुसार कभी-कभी 1-2 बिंदु छोड़ दिये जाते हैं। लेकिन हम नहीं छोड़ने वाले। न्याय भी अगर सुविधानुसार दिया जाने लगा, तो हो गया न्याय। पानी का जहाज कभी 2-4 छेद बन्द करने से नहीं तैरता। सभी छेद बन्द करने पड़ते हैं। ~ Shubhanshu 2024©
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