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मंगलवार, जुलाई 15, 2025

IQ Test: Show-off is worshipped, not intelligence




🧠 IQ टेस्ट: बुद्धिमत्ता की नहीं, दिखावे की पूजा है

✍️ लेखक: शुभांशु


🔻 बुद्धि क्या है? और कौन तय करेगा?

आज की दुनिया में "बुद्धिमान" कहलाने के लिए
तुम्हें बस इतना करना है —
कुछ टेढ़ी-मेढ़ी पहेलियाँ रट लो,
कुछ ग्राफ बना लो,
और फिर किसी के जीवन पर निर्णय सुनाने लगो।

तुम्हारा दिल क्या कहता है —
तुम कैसा इंसान हो —
किसी को परवाह नहीं।


🔻 IQ टेस्ट: एक elite club की एंट्री टोकन

IQ टेस्ट कभी जीवन के लिए बनाए ही नहीं गए थे।
ये बने थे एक सामाजिक प्रयोग की तरह,
जिससे “कौन तेज़ दिमाग वाला है”
ये तय किया जा सके।

लेकिन धीरे-धीरे वो elite badge बन गया —
जहाँ जो ज़्यादा पहेलियाँ सुलझा सके,
वो “सुपरियर” मान लिया गया।

कोई ये नहीं पूछता कि
क्या वो इंसान किसी के आँसू पोंछ सकता है?
क्या वो ख़ुद का दर्द समझ सकता है?


🔻 असल ज़िंदगी में पहेलियाँ नहीं होतीं — रिश्ते होते हैं

IQ वालों से पूछिए:
जब आपका सबसे करीबी धोखा देता है,
तो किस logic से आप उससे उबरते हैं?

जब कर्ज़दार दोस्त पैसा माँगता है,
तो किस गणित से तय करते हो कि देना है या नहीं?

जब जीवनसाथी बेवफ़ा हो जाए,
तो कौन-सा ट्रायंगल inequality मदद करता है?

कुछ नहीं।

ज़िंदगी गणित नहीं माँगती —
ज़िंदगी समझदारी माँगती है।


🔻 पहेलियों से नहीं, फैसलों से बनते हैं बुद्धिमान

IQ टेस्ट वाले लोग जवाब तुरंत माँगते हैं —
मिनटों में।
जबकि वो पहेली किसी ने सदी भर पहले
घंटों, दिनों, सालों में सोचकर बनाई थी।

“तेरे पास जवाब नहीं?
तू मंदबुद्धि है।”

असल में जिसने उत्तर खोजा,
उसने जवाब पहली बार में नहीं,
कई बार गिरकर, ठोकर खाकर, सीखकर पाया।

पर जो बस दोहराता है —
वो “बुद्धिमान” कहलाता है?


🔻 जो सच में बुद्धिमान हैं, वो ज़्यादातर चुप रहते हैं

क्योंकि उन्होंने सीखा है:

  • दिखावा सबसे सस्ता नशा है
  • बुद्धिमानी, दूसरों को नीचा दिखाने से नहीं,
    उन्हें ऊपर उठाने से आती है

IQ वाले ऊँचाई से गिरते हैं
EQ वाले गहराई से उठाते हैं


🔻 समाधान क्या है?

  1. IQ का असली उपयोग करो — किसी की मुश्किल सुलझाने में, खुद को बेहतर समझने में
  2. EQ को बराबरी दो — जिसमें भावनाएँ, निर्णय, और दूसरों के दर्द को समझना आता है
  3. "पहेली-पंडितों" को आइना दिखाओ — जब वो इंसानियत से बड़ा खुद को समझने लगें
  4. ज़िंदगी की जटिलताएँ सिर्फ logic से हल नहीं होतीं — उनमें संवेदना, अनुभव और आत्मज्ञान लगता है

🛑 बुद्धिमत्ता कोई टेस्ट नहीं, एक व्यवहार है।

जिसे जीवन में कम बोलकर, ज़्यादा समझकर दिखाना होता है।

IQ culture की पूजा से मुक्त हो —
और बुद्धिमानी को दिखावे से नहीं, दायित्व से नापो।


✍️
लेखक: शुभांशु
(एक ऐसा बुद्धिजीवी जो सिर्फ़ सोचता नहीं — सोच की धूल भी झाड़ता है।)


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