लोकतंत्र में और साम्यवाद में समानता है। साम्यवाद में अमीरों से धन लेकर गरीबों को सुविधाएं दी जाती हैं।
लोकतंत्र में भी यही हो रहा है। अमीर लोग टैक्स भरते हैं और गरीब लोग मुफ्त में सुविधा लेते हैं उस धन से।
ज्यादा फर्क नहीं है। बस साम्यवाद में तानाशाही के कारण ज्यादा नुकसान पहुँचाया जाता है योग्य को। अयोग्य को सुविधा देने के लिए। चीन जैसे देश में कोई अमीर नहीं हो सकता। मानवाधिकार का उल्लंघन होता है और आप अपना हक नहीं मांग सकते।
इससे देश प्रारम्भ में तो सुविधा मय हो जाता है। जीवन सरल और सस्ता हो जाता है लेकिन दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होते क्योकि लोग बड़ा करने का सपना देखना बन्द करके आलसी होने लगते हैं। वे जान जाते हैं कि अयोग्य बने रहने पर भी उनको सरकार खिलाएगी।
उनकी 80% कमाई कम्युनिस्ट सरकार अपने अनुसार इस्तेमाल करती है। वहाँ लोकतंत्र नहीं है। किसी की कमाई पर कैपिंग लगाना मानवाधिकार नियमों का उल्लंघन है जिसकी शिकायत करने पर देश पर UN द्वारा विश्वयुद्ध भी शुरू किया जा सकता है। यानी आप वहाँ अधिक कमाई करके भी अमीर नहीं हो सकते और यह व्यवस्था कभी भी ध्वस्त की जा सकती है। ~ VSSC 2018©
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