चलो अनपढ़ ऋषियों ने ब्रह्मा के प्रताप से उतपन्न हुए योगबल से ग्रँथ रचना कर डाली। ये योगबल क्या है?
और गजब, नबियों ने बिना किसी योगबल के ही ग्रँथ रचना कर डाली कबीर की तरह बिना लिखाई पढ़ाई करे।
यह तो चमत्कार हैं। क्या आप धार्मिक लोग चमत्कार में विश्वास रखते हैं? योगबल या ईश्वर से स्थानीय ज्ञान का अलग-अलग लिपि और भाषाओं में सीमित क्षेत्र के लिये अलग-अलग ज्ञान देना सम्भव है?
महात्मा बुद्ध की कहानी में बुद्ध को बैठे-बैठे ज्ञान प्राप्त हो जाता है। जिसके कारण वे त्रिपिटक लिख देते हैं। क्या यह ज्ञान उन्हीं ऊपर वाले लोगों की तरह नहीं था?
यदि था तो आप इस विवरण से क्या निष्कर्ष निकालते हैं? मुझे बताएं। धन्यवाद!
भक्तों आपके उंगली नहीं कर रहा हूँ बस जानकारी देकर मुझे प्रभावित करने का प्रयास करें। आपका ~ Shubhanshu Singh Chauhan Vegan 2018© 👀👅💋
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