Zahar Bujha Satya

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शुक्रवार, जुलाई 13, 2018

स्वाभिमान और घमण्ड के अंतर को समझिये

हमारे 2 मित्रों को लगा कि मेरी एक post से मेरा, मेरे ज्ञान पर घमण्ड झलक रहा है लेकिन साबित नहीं कर सके। उसमें लिखा था कि मुझे सिखाने का प्रयास न करें बल्कि सीखने का प्रयास करें। इसी कड़ी को समझाने के लिये एक अन्य post किया गया था कि जो सीखने की इच्छा से जुड़ते हैं, मैं उनसे बहुत कुछ सीखता हूँ लेकिन जो सिखाने की इच्छा से जुड़ते हैं उनको दूर से अलविदा।

अब जो मैं देख रहा हूँ वह सभी नहीं देख पाए इन posts में। अब या तो यह सिखाने वाले हैं जो इनको बुरा लगा या फिर इनको पता नहीं कि घमण्ड और स्वाभिमान क्या होता है। मैंने इन दोनों के मध्य अंतर मेरी फ़ोटो एलबम में समझाया हुआ है। घमण्ड/arrogance और स्वाभिमान/self-respect देखने में एक से लगते हैं लेकिन वे विपरीत होते हैं। एक में बिना परिचय के ही दूसरे को तुच्छ कहा जाता है और दूसरे में सिर्फ गलत को नकारा जाता है। नकारात्मक लोगों और विचारों को अनदेखा किया जाता है।

अब जिनको मेरे वे शब्द बुरे लगे उनको दोबारा सोचना चाहिए कि जबरन सिखाने वाला घमण्डी होता है या जबरन सीखने से मना करने वाला? याद रखना आपने आपत्ति करके खुद को ज्ञानी साबित करना चाहा है। यही है जबरन सिखाने वाले घमण्डी की पहचान।

ज्ञान पर घमण्ड किसलिये कोई करे? ज्ञान तो पहले से मौजूद है। हासिल कर लेना बड़ी बात नहीं। कोई भी कर लेगा। फिर उस पर घमण्ड किस लिए? हाँ लेकिन बुद्धिमान (IQ लेवल) पर स्वाभिमान अवश्य रखा जा सकता है और मैं स्वाभिमानी हूँ कि अपने काम को स्वयं कर लेता हूँ। बार-बार दूसरों के आगे हाथ नहीं फैलाता बल्कि आवश्यकता पड़ने पर उनसे स्वयं हाथ जोड़ कर मदद मांग लेता हूँ। ~ V. Shubhanshu SC, 2018©

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