जो दिखावा आप ईश्वर/अल्लाह के नाम पर कर रहे हो न, एक दिन यही दिखावा तुमको ले डूबेगा।
आपकी काल्पनिक् दुनिया के पीछे असल जीवन को जो तकलीफ हो रही है न, आपको जल्द ही परिणाम नज़र आने लगेंगे।
अभी जो भलाई का दिखावा करते हो न, यही भलाई एक दिन कहर बन के टूटेगी। भलाई करने की पहचान आपको नहीं है।
भिखारियों को पैदा करके उनको पालने का जो धंधा बनाया है न यही आपकी मानसिक कमज़ोरी का आईना बनेगा।
यह जो बात बात पर आपकी भावनाएं आहत हो जाती हैं न, यही भावनाएं एक दिन आपका परिवार ले डूबेंगी।
जो पैसा आप लोग मंदिर मस्जिद, अमरनाथ और हज पर उड़ा रहे हो न, इसी पैसे के लिए एक दिन तरसोगे।
जिस कल्पना के लिए असली इंसानों से नफरत पालते हो न, देखना एक दिन यही तुम्हारे काम आएंगे।
जिन नास्तिको से आप नफरत करते हो न, एक दिन यही आपके लिए ईश्वर/अल्लाह/गुरु जैसा बन कर आपके मसीहा बनेंगे।
अभी जो पेट भर खाने के बाद, हर किसी को अपने जैसा बनाने के चक्कर में लगे रहते हो न, एक दिन वही तुमको अपने जैसा बना देंगे।
तब आना मेरे पास! मैं तुम्हारे जख्मों को साफ करके उन पर दवा लगा दूँगा। मुझे आपके बुरे कामों से तकलीफ है लेकिन आपकी तकलीफ मुझे भी महसूस होती है। यहाँ कोई मजहबी/धार्मिक नहीं बैठा है। यहाँ बस एक इंसान बैठा है जिसमें मानवता कूट कूट के भरी है।
मैं उनमे से नहीं जो आपको कूट कूट के मानवता आप में भर दूँ। बस इन्तज़ार रहेगा कि कब आप मुझे अपना समझो और तुनकना बन्द करके खुले दिमाग से सोचो कि मैं क्या कहना चाहता हूं। उम्मीद कभी न छोडूंगा।
आप आओ या न आओ। आपके इंतज़ार में आपका मित्र:- Shubhanshu SC Vegan Irreligious 2018©