सभी ऐसे व्यक्ति जो खुद को नास्तिक कहते हैं वे किसी भी धर्म मे खोट निकालना तुरन्त बन्द करें। हर दूसरा धर्म पहले की पोल खोल कर ही खुद को बड़ा बताता है। आपको किसी धर्म की आलोचना करने पर नास्तिक नही बल्कि दूसरे धर्म का एजेंट समझ लिया जाएगा जो कि स्वाभाविक और सही है।
आपका प्रमुख target god है न कि धर्म। कुछ धर्म मे तो god का कॉन्सेप्ट ही नही है। फिर?
यदि आप अब तक गलती से दूसरे धर्म का या अपने धर्म का मजाक उड़ा रहे थे तो सम्हल जाएं और अगर आप किसी धर्म को मानते हुए किसी अन्य की आलोचना कर रहे हैं तो कहने की आवश्यकता नही है कि आप उस धर्म के एजेंट हैं और अगले का अपने धर्म मे विश्वास जगाना चाहते हैं। ऐसे लोग खुद को नस्त्तिक के चोले से निकाल फेकें। असली नास्तिकों को बदनाम न करें।
सच्चा नस्त्तिक सिर्फ ईश्वर/गॉड/अल्लाह/रब आदि नामो से जाने जाने वाले 1 ही पात्र की आलोचना करता है और पोल पट्टी खोलता है। धर्म तो मान्यताएं हैं। गलत होंगी ही। धर्म की आलोचना करने से ईश्वर/god को कोई फर्क नही पड़ता। लोग आपके घण्टों समझाने के बाद बदले भी तो कोई दूसरा धर्म अपना लेंगे। ईश्वर का अन्धविश्वस वहीं का वहीं। परिणाम कुछ भी नही।
PS: कमाल तो ये है कि ईश्वर/गॉड/अल्लाह खत्म सब धर्म खत्म। पाखण्ड खत्म। ~ Shubhanshu Singh Chauhan 4 अप्रैल 2017 9:18pm
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