शुभ: इतने दिन से नैन मटक्का कर रही हो। क्या चाहती हो?
लड़की: तुमको समझ नहीं आता क्या?
शुभ: क्यों? मुझे क्यों समझ में आना चाहिए?
लड़की: तुम भी तो बदले में देखते हो।
शुभ: अरे, मैं तो इसलिये देखता हूँ कि ये कौन पागल लड़की मुझसे न जाने किस जन्म का बदला लेने के लिए घूर रही है।
लड़की: मेरे बारे में ऐसा सोचते हो?
शुभ: जी मैडम।
लड़की: ऐसा कुछ नहीं है। मैं तो प्यार से देखती हूँ तुमको।
शुभ: अरे! प्यार से ऐसे घूरा जाता है?
लड़की: फिर कैसे घूरा जाता है?
शुभ: अरे, घूरा जाता है ही नहीं। घूरना तो मानसिक क्रूरता है। प्यार से निहारा जाता है।
लड़की: प्यार से कैसे निहारा जाता है?
शुभ: अरे, जब प्यार होगा तो अपने आप ऐसा होगा।
लड़की: तो मुझे प्यार से निहार के दिखाओ ज़रा।
शुभ: दिमाग ठीक है? मुझे तुमसे प्यार थोड़े ही है जो तुमको प्यार से निहारूँ? आखिर तुम हो कौन?
लड़की: कितने अजीब हो तुम। और कोई होता तो अब तक मुझे कब का ILU बोल चुका होता।
शुभ: और आपको बोलने में क्या तकलीफ़ है?
लड़की: मैं कैसे बोल सकती हूँ? चरित्रहीन नहीं लगूँगी?
शुभ: मतलब चरित्रहीन लड़के की तलाश में हो क्या?
लड़की: पागल हो क्या? ऐसा होता, तो लाइन लगी रहती है, किसी को भी अपना लेती।
शुभ: मतलब तुम कहो तो तुम्हारा करेक्टर ढीला और मैं बोलूं तो मैं क्या हुआ फिर?
लड़की: फिर अगर कोई न बोलेगा तो कैसे काम चलेगा?
शुभ: वाह! मतलब जबरदस्ती सोच लिया कि propose करने से करेक्टर लूज होता है? जिसे प्यार है, वह पहले बोलेगा कि प्यार है। वो जिसे आपके बारे में कुछ पता नहीं उसे क्या सपना आ रहा है कि आप क्या सोच रही हो?
लड़की: उसी लिए तो आखों से इशारे कर रही थी!
शुभ: इशारे कौन समझेगा? जब उसे पता ही नहीं इनका मतलब? मैं तो हिम्मत करके तुमसे बात करने आ गया। सोचा कि क्या दुश्मनी है पूछ ही डालूं। वरना मैं तो कभी आता ही नहीं।
लड़की: लड़कों को तो पता होता है। मेरी सहेलियों ने बताया था।
शुभ: उन सहेलियों से ज्ञान ले रही हो जो खेली खाई हैं? वे जिनकी बात कर रही हैं वे अवश्य ही सेक्स के भूखे लड़के हैं यानि चरित्रहीन लड़कों की। सीधा और लड़की को लड़की ही समझने वाले लड़के को कोई इशारा समझ कैसे आएगा? इशारे तो लड़की पहले समझाती है कि किस इशारे का क्या मतलब होता है। तब लड़के को पता चलता है। क्या तुम उन लड़कियों में से हो जो सेक्स के लिए लड़के ढूंढती हैं या तुम वो हो जिसे किसी से प्यार हो गया है? बुरे दोनो नहीं हैं लेकिन ये आपकी सोच पर निर्भर करता है कि आप किसे अच्छा समझती हो।पहले प्यार और फिर सेक्स या पहले सेक्स और फिर अगला व्यक्ति। ये मत कहना कि पहले सेक्स और फिर प्यार। ये नहीं होता। ये तो शरीर से जुड़ा मोह ही हो सकता है जो थोड़े समय के लिए ही होता है। मन से प्यार होता है जो लोगों को जोड़े रखता है। फिर अगर लड़के बदनाम हो ही गए तो फिर अच्छा लड़का क्या प्रोपोज़ करके खुद को अच्छा दिखा सकेगा? बेहतर होगा कि लड़की ही शुरुआत करे। तभी लड़के को समझना आसान होगा। जो तुरन्त लार टपकाये, उसे जिस्म का भूखा समझिये। जो देर में माने और आपके मनाने पर ही, वही आपकी सही पसन्द और सही पात्र है।
लड़की: बात तो लाख टके की कही आपने। आप कोई दार्शनिक हो क्या?
शुभ: न बस एक लड़का हूँ। जो इस मूर्खों के समाज को आईना दिखाना चाहता है।
लड़की: ओये, सुनो।
शुभ: हाँ, कुछ कहा क्या?
लड़की: हाँ, आई लव यू।
शुभ: धन्यवाद! लेकिन अभी मैं आपको जानता भी नहीं तो चलो पहले दोस्त बनते हैं। कुछ टाइम साथ में बिताते हैं फिर बताता हूँ अपना जवाब।
लड़की: आई लव यू, आई लव यू, आई लव यू टू मच!
शुभ: कल मिलते हैं, पार्क में, शाम को 5 बजे।
लड़की: ओके dear! Bye! 2019/05/01 08:50 ~ Vn. Shubhanshu SC 2019©
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