दोस्तों आप किन चक्करों में पड़ रहे हो? छोड़ो ये राजनीति की बातें। अपना कुछ बेहतर करो। इस तरह कुछ बदलाव नहीं आने वाला। सब लोग वही करते हैं जो उनको अच्छा लगता है। आप कुछ भी कर लो आप बकरी को मांस नहीं खिला सकते और न ही उससे दहाड़ लगवा सकते हैं। जो जैसा होता है वैसा ही रहता है जिसे बदलना होगा वह खुद ठोकर ख़ाकर ही बदलता है अतः अपना अच्छा खाओ पियो। जियो। सरकार, राजनीति में कुछ नहीं रखा।
आपको वही जीवन जीना है जो जी रहे हो। बस किसी और चोर को करोड़पति बना कर उसके ही तलवे चाटने वाले ज़रूर बन जाओगे। जो आज आपके पैर छू रहा है कल आपके पिछवाड़े में गोली दाग देगा। उसके रिश्तेदार छुटभैये कहलाएंगे उनका शहर में रौला होगा और आपके घरों में मातम।
वह बड़ी SUV में घूमेगा और आप चिलचिलाती धूप में झोली फैला कर उसके आगे गिड़गिड़ा रहे होंगे। वह बंदूकों के साये में सुरक्षित चलेगा और आप पर बन्दूकें तानी जाएंगी। आप उनको हुजूर, सर, मालिक, नेता जी, विधायक जी कहोगे और वह तू-तड़ाक से आपको दुत्कारेगा/गी।
आपका बच्चा सड़कों पर पैदा होकर उसी में मरखप जायेगा और नेता/नेत्री का बच्चा विदेशों में पढ़ेगा। आप दर दर की ठोकरें खाओगे और वे आपको अपनी ठोकरों पर रखेंगे। उनकी सात पुश्तें अगला चुनाव हारने पर भी लगातार मिलती मोटी पेंशन से तर जाएगी और आप वही रिक्शा/ठेला खींचते हुए मर जाओगे।
आप उनके लिये आज अपने दोस्तों को मारने पर तुले हो और वे आपकी लाशों पर चढ़ कर विदेशों की हवाई यात्रा करेंगे। अपना जीवन नर्क जैसा बना कर किसी का जीवन स्वर्ग जैसा बनाना ही राजनीति है। आप नेता बन कर भले ही अमीर हो जाओ और संविधान आपको माननीय कह कर सम्मानित करे लेकिन दुनिया, गरीबों और मेरी नज़रों में गिरे ही रहोगे। यही है ज़हरबुझा सत्य।
मेरा कहना है कि अपना काम ढंग से करो। पैसे जोड़ो। विवेकपूर्ण ढंग से खर्च करो। कहीं से एक रुपया भी ईमानदारी से मिले तो उसे दुत्कारो मत। बूंद-बूंद से सागर बनता है। ये भी जुड़ते-जुड़ते लाखों रुपये हो जाएगा। पैसा बैंक में जमा करो। अगर वर्ष में 1 लाख से कम का लेनदेन है तो बेसिक बैंक खाता खुलवाओ। फ्री में 5 मुद्रा अंतरण प्रति माह करो। फ्री का atm कार्ड भी मिलेगा।
अगर 3 हजार रुपये गुल्लक में जुड़ जायें तो उनसे बैंक खाता खुलवा लो। फिर उसमें बस पैसा डालो। निकालो मत। जब 53000₹ हो जाएं तब 50000₹ की फिक्स डिपॉजिट कर दो और भारी ब्याज पर अपना पैसा बढ़ाओ। पैसे से पैसे निकलेंगे और ऐसा ही बार-बार करो। 50000₹ कि fd कब 1 लाख की हो जाएगी आपको पता भी नहीं चलेगा। फिर लाख से लाखों बनते चले जायेंगे।
एक समय आएगा जब आपको आपकी बैंक से सरकारी पेंशन जितना ब्याज मिलने लगेगा। तब आप काम करो या न करो, आप जियोगे। अतिरिक्त धन नहीं बचता तो अपना रोजगार बदलो या उसे बेहतर बनाओ। दिमाग से काम लो। मेहनत तो शुरुआती पूंजी जुटाने में लगती है उसको बड़ा बनाने में दिमाग लगता है। जो आपकी रुचि हो उसमें ही कार्य करने पर सफलता अवश्य मिलेगी या फिर सबक तो मिलेगा ही। दोनो ही आपको आगे बढ़ने में मदद करेंगे ही करेंगे।
शिक्षा का अधिकार आपको मिल चुका है। इसका लाभ उठाओ। मुफ्त में शिक्षा ग्रहण करो खुद के लिए। किसी की नौकरी के लिए नहीं। समझदार बनने के लिए। दुनिया को समझने के लिए। ताकि तुमको कोई ठग न ले। कहीं से बहुत सारा पैसा मिलने की स्कीम कोई बताये तो कान खड़े कर लो कि कहीं आपको अपनी रकम फंसने के खतरा तो नहीं?
याद रखिये जहां भी आपको कोई बात अविश्वसनीय लगे तो वह है। बस समझने की देर है। आपको गहन जाँच पड़ताल के बाद ही कहीं अपना धन और समय लगाना चाहिए। लालच बुरी बला है। अतः लालच ज्यादा का न करें। थोढ़ा-बहुत तो चलता है। रिस्क तो लेना ही पड़ता है लेकिन बड़ा रिस्क सोच समझ कर पक्का करके ही लें। तब तक थोड़ा-थोड़ा दांव पर लगाइये। फूंक-फूंक कर कदम रखिये।
शेयर बाजार भी खतरे से खाली नहीं और न ही म्युचुअल फंड्स। इनमें धन सोच समझ कर और पिछली स्थिति को देखते हुए ही लगाएं। याद रखिये ये भी जुए जैसा है और इसे कर पाना सबके वश की बात नहीं। इसमें पहले एक्सपर्ट बनिये। थोड़ा सा सहन करने योग्य धन निवेश कीजिये। जीत या हार पर बहकिये या घबराइए नहीं, बल्कि उन बिंदुओं को सीखिये जिससे लाभ की गंध आती हो। जब लगे कि अब आप इसे समझ गए हैं और कमाई हो रही है तभी बड़ा दांव लगाएं।
अगर स्मार्ट एंड्रॉयड मोबाइल फोन रखते हैं तो उससे अतिरिक्त्त कमाई करके आप उसका मासिक खर्च निकाल सकते हैं। जो कि आपकी बड़ी बचत बनेगा। इस तरह की apps कौन सी बेहतर हैं और कौन सी app ज्यादा कामयाब और धन देने वाली है जानने के लिये मुझसे संपर्क कर सकते हैं। चलिये ये तो हुई आपके लिए काम की बातें अब मुझे विदा कीजिये। आपका दिन मेरे दिन की तरह शुभ् (अच्छा) बीते इसी कामना के साथ नमस्कार! ~ शुभाँशु सिंह चौहान 2018© ज़हरबुझा सत्य
