राजनीति दरअसल एक प्रचलित व्यवस्था लोकतंत्र है। यानी आप अपने मन की नहीं कर सकते। जो भीड़ कहे वही करना होगा। मैं अपने मन की ही करता हूँ। अतः राजनीति मेरे लिए नहीं है। जिसे अपने मन की करनी है वह राजनीति से दूर रहें। यह भेड़चाल से संचालित होती है।
जो भी राजनीति से बदलाव लाने की सोच रहे हैं, दरअसल वे गन्दी राजनीति, जिसमें सिर्फ धन कमाने के लिए गला काट प्रतियोगिता होती है उसी को अपनाने के लिए ललचाते हैं। उनको बस पैसा चाहिए, बिना कमाए। लाशों के अंबार से, दंगे और धमाकों से।
धारा 144 से उनको सुरक्षा ही मिलती है। जनता तो सिर्फ अपनों की लाशें ही ठिकाने लगाती है। जिनको उन्होंने ही किसी गंदे राजनेता की भावुक बातों में आकर मार डाला। यह बात बहुतों को तकलीफ दे सकती है अगर उनका यह मकसद अच्छे के लिए हो लेकिन उनके लिए यह ज़हरबुझा सत्य है कि जब आप राजनीति में प्रवेश करेंगें तो आप गंदे अपने आप हो जाओगे और फिर जो भी राजनीति आप करोगे वह गन्दी ही होगी।
याद रखिये, हर इंसान की एक कीमत और कमजोरी होती है और आपके विरोधी नेता उनको अच्छी तरह से जानते हैं। फैसला आपके अपने हाथ है। मुझे बस अपने हाथ आपके खून से गंदे नहीं करने और न ही ईमानदारी की राजनीति करके दूसरे विरोधी दल के हाथों मरना है। ~ Vegan Shubhanshu SC 2018©
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