कोई भी सभ्य व्यक्ति किसी का भी न तो contact नंबर/फ़ोटो देगा न पूछेगा। आप अपनी बहन के नम्बर/फ़ोटो बाँट सकते हैं? प्रेमिका के? नही न? हम दरअसल किसी का भी नंबर/फ़ोटो/सम्पर्क बिना उससे सलाह किये नही दे सकते।
यह प्राइवेसी एक्ट का उल्लंघन होता है। सज़ा हो सकती है। अतः प्रेमिका और लड़की का किसी पोस्ट में ज़िक्र होते ही उसका नंबर मांगने की यह गन्दी आदत सभी जन छोड़ दें।
दरअसल यह महिला को वस्तु समझने की घटना है। जैसे कोई लड़की मेरे साथ सेक्स करती है, साथ रहती है, प्रेम करती है तो लोगों को लगता है कि वो सेक्स की भूखी है या धन के बदले सेक्स करती है बिना पीछे पड़े। इसलिये इतनी घटिया सोच लड़कों में उनकी संगत ने डाली है।
यही वह बात है जिस कारण महिला मुक्ति आंदोलन शुरू हुआ क्योकि लड़कों की नज़र में महिला एक सेक्स डॉल से ज्यादा नहीं थी। यही कारण है कि सेक्सडॉल की बिक्री धुआंधार हो रही है जबकि उसकी कीमत करोड़ो में है।
सेक्स शब्द ही ऐसा है जो आनन्द देता है। जितना संक्रामक यह है इतना और कुछ भी नहीं। यह देखने, सुनने, पढ़ने मात्र से आपको कामोत्तेजित कर सकता है। छूने पर तो करना स्वाभाविक ही है। फिर इसके दुरुपयोग इस दुरूपयोगी मानव जगत द्वारा सबसे अधिक होना ही था।
समस्या यह है कि भारत के लोग पर्दे के आगे सेक्स मुक्त और पर्दे के पीछे सेक्स में औंधे मुहँ पड़े हुए हैं। पर्दे में बिना ज्ञान के आप प्रयोग करते हैं और वह असफल भी होते हैं और उनका नतीजा बलात्कार, अनचाहा गर्भ, यौनांगों में घाव, बीमारी, धोखा, ठगी, बदनामी, अपमान, शोषण आदि के रूप में सामने आता ही है।
ज़रूरत अब इस पर्दे को हटाने की है और अच्छे-अच्छे चेहरों के मुखोटे उतर जाएंगे। याद रखिये कपड़े पहनने या पर्दा डालने से सच्चाई समाप्त नहीं हो जाती। आ कितना भी नाटक कर लो कि आप सेक्स से अछूते हैं लेकिन सत्य तो यह है कि कपड़ों के नीचे और हमाम में, सब नँगे हैं। नमस्कार! ~ Shubhanshu SC 2019© 6:40 am Jan 26.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें