Zahar Bujha Satya

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सोमवार, दिसंबर 23, 2019

हम सब महान हैं लेकिन... ~ Shubhanshu

एक राज़ की बात बताता हूँ।

हम अक्सर महापुरुषों को इतना महान क्यों पाते हैं?

क्योंकि उनकी सभी बातों को उनके चाहने वालों ने बढ़ा चढ़ा कर बताया होता है और केवल अच्छा पक्ष ही।

बाकी वे सब भी उसी साधारण माँ से जन्में हैं जिससे हम-तुम।

हर इंसान महान है।

बस हम सब जानबूझकर खुद को बुरा दिखा रहे हैं।

वरना क्या हम अपनी कमियों को जानते नहीं हैं क्या?

बस दूर नहीं करते। जानबूझकर।

गुस्सा है, नफरत है, अपमान है, चाहत बड़ी और उम्मीद छोटी है। दूसरों से जलते हैं। कोई हमसे बेहतर हार भी गया तो खुद की भी हिम्मत तोड़ देते हैं। नहीं सोचते कि क्या पता अगला कोई गलती कर बैठा या जानबूझकर हार गया। आपकी हिम्मत तोड़ने के लिये। ☺

सच तो ये है कि हम बस महान लोगों से काम निकालने में ही आसानी समझते हैं। हम उन जैसे नहीं हो सकते, कह कर, दरअसल खुद मेहनत करने से बचना चाहते हैं।

आजकल पेट भर गए हैं और सुविधाओं से हम लैस हैं। कल जो ऐसी ज़िंदगी पाने के लिए महान बन गए, वो ज़िंदगी आपने पैदा होते ही पा ली। फिर क्या ज़रूरत है महान बनने की? ऐसे ही ठीक हैं। हैं न? 😊

धर्ममुक्त जयते! ~ Shubhanshu 2019©

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