स्वतन्त्र इंसान सबकुछ हो सकता है लेकिन व्यक्तिवादी नहीं। जैसे बहुत से लोग मेरी शिक्षाओं से बहुत सी विचारधारा वाले हुए लेकिन वे कभी खुद को शुभांशुवादी नहीं बोलते। वैसे भी विचारधारा जो अपना ले वह उसी की हो जाती है। भले ही व्यक्तिवाद किसी व्यक्ति को बहुत लोकप्रिय बना देता है लेकिन लोग उसके गुलाम भी बन जाते हैं।
मूर्ति/तस्वीर/चिन्ह आदि लगाने और फिर उसको पूजने लगते हैं। अतः लोकप्रिय बनिये मगर मन से न कि दुनिया भर में उसका डंका पीटिये। थॉमस एडिसन ने सफल बल्ब बनाया, लगभग 1100 अविष्कारों से दुनिया पाट दी, दुनिया को रौशन किया, फिल्में, रिकॉर्डर, बैटरी, कैमरा, टेलीग्राफ, आदि दिए लेकिन कोई उनको नहीं पूजता। मन ही मन उनका एहसान मानता है।
निकोला टेस्ला ने AC डायनेमो बनाई, टेस्ला quail बनाई, आज हम मैडम क्यूरी के बलिदान से जिन्होंने 2 भिन्न विज्ञानों में नोबल पुरस्कार प्राप्त किया, दबे हैं। मैडम क्यूरी की मृत्यु रेडियम के रेडिएशन से हो गयी थी और इसी की खोज के लिए उनको नोबल पुरस्कार दिया गया था।
मैं जब कहता हूँ मेरी विचारधारा, तो उसका मतलब ये होता है कि मेरे द्वारा चुनी गई विचारधारा का समूह। जो कि मेरे अनुमान से सर्वश्रेष्ठ हैं। किसी के हिसाब से उससे भी श्रेष्ठ विचारधाराएं होंगी लेकिन वो उनका पैमाना है। अभी मैं उनको नही जानता अन्यथा मैं उनमें कोई कमी ढूंढ कर अस्वीकार कर देता या प्रभावित होकर उनको भी अपना लेता। हमेशा दिमाग खुला रखता हूँ। नए के लिये स्थान छोड़ता हूँ ताकि और बेहतर बन सकूं। आप सबको भी यही सलाह दूँगा कि भले ही सबकुछ मेरा अपना लो, कुछ अपना भी अपना लो, कुछ दूसरे का भी लेकिन कभी व्यक्तिवादी मत होना। स्वयंवादी होना लेकिन कभी शुभाँशुवादी मत होना।
~ शुभाँशु सिंह चौहान अंतर्मुखी, विषमलिंगी, धर्ममुक्त, vegan, शिशुमुक्त, विवाहमुक्त, समाज/संस्कृति/नौकरी मुक्त, मुक्तविचारक, सोफोफिलिक, polyamorous, लेखक, कवि, कथाकार, व्यंग्यकार, डायरीकार, Quoter, 18+ रचनाकार, शौकिया मनोवैज्ञानिक, शौकिया उपाय खोजी, शौकिया आविष्कारक, शौकिया वैज्ञानिक, चित्रकार, Future Calculator, Dream learner, 2-3 stage dreamer, शाम्भवी मुद्रा धारक, कुंडलिनी जाग्रत, जनसंचार, पत्रकारिता व मीडिया तकनीकी डिप्लोमाधारी, फैशन डिजाइनर डिप्लोमाधारी, कंप्यूटर एप्लिकेशन डिप्लोमाधारी, जूलॉजी में परास्नातक...more coming soon! 2020©
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