राजनीति का प्रचारक: क्या बकवास पोस्ट करता रहता है। देश में क्या हो रहा है कोई फिक्र है तुम्हें? BJP देश की लुटिया डुबो देगी।
शुभ: आप तो लुटिया को वापस ला रहे हैं। खुद सरकार चुनते हैं और फिर सबकुछ सरकार ही करे। जनता बस अपराध करके सरकार की परीक्षा लेती रहे। दरअसल सभी अपराध विपक्ष द्वारा सरकार को गिराने के लिए ही करवाये जाते हैं। क्या हमने देखा नहीं कि विपक्ष में कोई भी हो हमेशा उसे ही सबसे पहले गुंडाराज, बलात्कार और अपराध की खबर कैसे मिलती है? कैसे सबसे पहले विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा ही शोशल मीडिया पर खबरें पोस्ट की जाती हैं?
आज तक, तेज़ आदि सबसे तेज़ खबरें लाने का दावा करते हैं लेकिन विपक्ष तो रॉकेट से भी तेज है। दरअसल विपक्ष ही ये सब घिनौने कार्य करवाता है। राजनीति ही देश की असली बीमारी है और आप उस बीमारी को फैलाने वाले वायरस हो। मैं तो लोगों को सुकून दे रहा हूँ। जिसकी उनको सख्त जरूरत है।
लोग सो नहीं पा रहे न्यूज़ सुन-पढ़ कर। अपने घर में ही हर किसी से डर लगने लगा है। जबकि सब मन में भर ही ये मीडिया रहा है। आप को इसकी लत लग गई है। रोज नया अपराध करना 'सावधान इंडिया' सिखाता है और विपक्ष भड़काता है, नए लड़को को। साम, दाम, दंड, भेद, सबकुछ करके, खून बहा कर, बस एक बार हराम का माल देने वाली कुर्सी मिल जाये।
10 साल से मैंने न्यूज़ पढ़ना बन्द कर दिया, TV पर सिर्फ 'डोरेमॉन' देखता रहा। दुनिया में क्या हो रहा, जानने से ज्यादा मेरे घर में क्या हो रहा है, ये जानने में मेरी ज्यादा दिलचस्पी रही। यही ज़रूरी भी है। हम अपना घर, परिवार सुरक्षित रखें, यही हमारी पहली ज़िम्मेदारी है। जब सब यही करेंगे तो आपको और हमें किसी और की चिंता करने की ज़रूरत नहीं रह जायेगी।
इसीलिये मैं लोगों को भयमुक्त करता हूँ और आप भयभीत। कौन बड़ा हुआ? निडर बनाने वाला या डरपोक बनाने वाला?
100 साल होने वाले हैं आज़ादी को। लेकिन क्या कोई समस्या हल हुई? हर 5 साल में कोई न कोई बैठा दिया जाता है प्रतिनिधि बना कर। क्या बदल गया? सभी समस्याओं को जस का तस बनाये रखा गया है और आप भोले-भाले लोगों को उल्लू बना कर उनका कीमती जीवन बर्बाद कर रहे हैं। कम समय है सबके पास। प्रदूषण, घर, परिवार की चिंता में वैसे ही सब मरे जा रहे हैं। दूसरों की दुर्दशा करके और हमें दिखा-बता कर हम सबको कतई मार डालो आप।
लेकिन मैं बचाऊंगा। मुझे जो भी कर मिलेगा, करके, लोगों को सुखी करने के उपाय बताता रहूँगा। सबको सुख चाहिए और मैं उसे पाने का रास्ता सबको बताऊंगा। आप कुढ़ते रहिये। रोते रहिये। बदलने वाला कुछ नहीं है।
अगर कुछ वास्तव में बदलना है तो खुद को बदलना सीख लो। देश से शिकायत करने से पहले खुद से शिकायत करो कि आपने देश को क्या दिया है? देश हम सबसे मिल कर बना है।
ईमानदार बनो, भ्रष्टाचार खत्म। बिजली पानी बचाओ, 24 घण्टे पानी-बिजली आने लगेगी। अपनी सुरक्षा के लिए मार्शल आर्ट सीखो-सिखाओ, महिलाएं सुरक्षित रहेंगी। बच्चियों और बच्चों को अपनी निगरानी में रखो, वे सुरक्षित रहेंगे।
सब कुछ आपके ही हाथों में है। सरकार तो बस सेना और विदेशों से व्यवहार करने, टैक्स लेने, गम्भीर आपदाओं में मदद करने तक सीमित है।
पुलिस को कामचोर और बेईमान आपने बनाया। बिना रिश्वत दिए आप मानते नहीं तो वो लेने में क्यों चूकें? फिर भी ऐसा हो तो एसएसपी से कंप्लेन करो और सब गलत पुलिसकर्मियों के नाम लिखाओ। निबट जाएंगे।
मानवाधिकार आयोग से सम्पर्क करो, करप्शन निरोधन विभाग से सम्पर्क करो। बहुत लोग करते हैं लेकिन सब क्यों नहीं करते? आपके सुखों की चाभी आपके ही पास है। दूसरे को न हम कभी जोर-जबरदस्ती से बदल सके हैं और न ही बदल पाएंगे।
कुछ समझ आया हो तो ठीक है, अन्यथा आप दोबारा मत दिखना। मुझे आपकी थोपी गयी सलाह की कोई आवश्यकता नहीं है, अपना जीवन जीने के लिए। नमस्ते।
राजनीति का प्रचारक: आपके चरण किधर हैं, गुरु जी। भाड़ में गई राजनीति। मुझे अपने साथ जोड़ लीजिये कृपया।
शुभ: क्षमा महोदय, मैं इस लायक नहीं। जो मुझे कुछ सिखाता है सिर्फ उसे ही मित्र बनाता हूँ और मैं किसी को सिखाने लायक अभी हुआ नहीं तो क्षमा कीजियेगा। पोस्ट वाल पर पढ़ सकते हैं लेकिन मित्र सूची में सबके लिए जगह नहीं है।
राजनीति का प्रचारक (अब साधारण इंसान): आज आपसे बहुत कुछ सीखने को मिला है। कोटि-कोटि प्रणाम। ~ Shubhanshu Dharmamukt 2019©
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