Zahar Bujha Satya

Zahar Bujha Satya
If you have Steel Ears, You are Welcome!

Translate

शनिवार, जून 20, 2020

In a hotel of Nainital


लड़की: कोई भी रूम नहीं है! अब क्या करूँ?

शुभ: बुरा न माने तो आप मेरे साथ कमरा शेयर कर सकती हैं। इतनी रात में बाहर सोना उचित नहीं।

लड़की: तुम लड़के हो, मैं तुम्हारा भरोसा कैसे करूँ?

शुभ: हाँ, उचित प्रश्न है। वैसे, मेरी भी माँ-बहन है। एक लड़का जब उनके साथ एक घर में जीवन भर रह सकता है तो आपके साथ तो केवल कुछ ही घण्टों की बात है। हो सकता है कोई और लड़का शराफत का सुबूत देने के लिये कमरे से बाहर सो जाता। लेकिन वो सुबूत कहाँ हुआ?

ये तो आप उसके छेड़खानी करने पर भी करवा सकती थीं। ये तो अपनी हवस का प्रमाण देना हुआ कि कंट्रोल नहीं है खुद पर इसलिये बाहर निकल गए। मुझे खुद पर पूरा भरोसा है। बस आप शरीफ़ निकलें इसकी आशा करता हूँ।

कभी-कभी मदद के बदले लूटमार हो जाती है। मदद मैं कर रहा हूँ, नुकसान मेरा है। मेरी प्राइवेसी में दखल रहेगा। हांलाकि आपको आधा किराया शेयर करना चाहिए लेकिन ये मैं आपके ऊपर छोड़ता हूँ। पर इसके बाद भी क्या आप मुझे अच्छा इंसान समझेंगी? क्या मैं आप पर भरोसा कर सकता हूँ? ये सवाल ज्यादा जरूरी है। बजाय इसके कि आप मुझ पर भरोसा क्यों करें?

लड़की: Wow! Please show me your room! I also want to know more something about you. You looks very interesting person! 👌

शुभ: Sure! Here we go! 😊

कोई टिप्पणी नहीं: