खुद से सवाल करो कि इस बात का वास्तव में कोई लाभ है? क्या वास्तव में वही होगा जैसा लग रहा है? क्या और भी ज़रूरी कार्य नहीं हैं?
वर्तमान में जीना ही डिप्रेशन का इलाज है।
व्यस्त रहो, मस्त रहो, रोज कुछ ऐसा करने का प्रयास करो जिससे खुद पर गर्व हो। अगर जीवन का कोई मूल्य नहीं बचा तो पैदा करो उसका मूल्य। ऐसा जीवन जियो कि लोग इर्ष्या करने लगें आपसे।
जो आपके जैसा नहीं बन पा रहा, चाहते हुए भी, वो तो ईर्ष्या करेगा ही। उनको अनदेखा करो। कुछ खोखले घमण्ड से मुक्त होंगे वे आपका सम्मान करेंगे। प्रयास करेंगे आप से प्रेरणा लेकर।
समय आने पर इन्ही में से कोई प्रबल इच्छाशक्ति वाला आपके साथ खड़ा होगा। क्योंकि सबको, साथ देने वाले और समान विचार वालों के साथ रहना अच्छा लगता है। अकेले हैं आज पर कल भी होंगे ऐसा मुमकिन नहीं। विपरीत ध्रुव एक दूसरे को आकर्षित करते हैं लेकिन टकरा कर, एक हो जाने के लिए। ~ अहं ब्रह्मास्मि! Shubhanshu Dharmamukt 2019©
नोट: अहंब्रह्मास्मि = मैं ही सृष्टि का रचयिता और पालक हूँ। मैं ही सबकुछ हूँ। जिनको ये खोखला अहंकार लगे तो बता दूँ कि लगता है कि खोखला है ये। लेकिन बताइये अगर मैं नहीं तो कुछ भी नहीं। जान है तो जहान है। अर्थात मैं जीवित हूँ तो ही दुनिया जीवित है। मैं मर गया तो ये संसार मेरे लिए मर जायेगा। अतः मैं ही इस दुनिया का रचनाकार हूँ। मैं नहीं तो मेरे लिए ये दुनिया नहीं। मैं ही मेरी दुनिया हूँ। अतः इस बात में बल है। ये खोखला अहंकार नहीं है। यह सत्य है। यही है तनाव से बचने का उपाय! 💐
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