Zahar Bujha Satya

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शुक्रवार, अगस्त 09, 2019

धर्म का आविष्कार, विवाह संस्था/व्यवस्था है जातिवाद की जड़ ~ Shubhanshu



सोच के देखिये। कैसे नहीं होगा ये बताइये। विवाह के समय ही जाति देखी जाती है। इससे पहले जाति केवल विवाह न कर ले कोई हमारी लड़की से इसी डर से देखी जाती है।

विवाह जैसा टोटका न हो तो सब live in में रहेंगे घरवालों से अलग और कोई जाति नहीं देखेगा। जिससे प्रेम हो जाये उसी के साथ रहिये।

घर वाले जब जातिमुक्त सोच रखने लगें तो घर में भी सबको बता कर रह सकते हैं। तब तक उनको इस रिश्ते से अनजान ही रखें। अलग रहिये तब तक जब तक घर वाले भी आपके लिए न तरसें। वैसे ऐसा होता नहीं कि वे अपना जातिवाद छोड़ दें। अतः जातिवादी परिवार को यही कहिये कि विवाहमुक्त हैं आप।

ऐसा 3 पीढ़ियों तक होने दीजिये फिर कोई जातिवादी ही नहीं बचेगा। मैं तो कम से कम अपनी पीढ़ी तो जातिमुक्त कर ही जा रहा हूँ आप भी कीजिये। ~ Shubhanshu Dharmamukt 2019©

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