Zahar Bujha Satya

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बुधवार, अक्टूबर 10, 2018

प्यार: एक चिड़िया

मैंने एक बार एक बहुत प्यारा कुत्ता पाला। वह भाग न जाये इसलिये उसे रात-दिन बांधे रखा। जो भी देखता कहता कि अगर मुझे यह बाहर मिल गया तो उठा ले जाऊंगा/जाऊंगी। मेरा डर और बढ़ गया।

अब मैं उसे घुमाने भी नहीं ले जाता। उसे छत पर ही छोड़ देता था। बाद में जाकर गंदगी साफ करता था। उसके नाखून बढ़ गए और उसकी रौनक जाती रही। वह बीमार भी रहने लगा। एक बार उसने छत पर रखे गमलों में भरी गोबर की खाद को खा लिया। वह बीमार हो गया। मैं डॉक्टर के पास ले गया। डॉक्टर ने बहुत दवा लिखी, इंजेक्शन लगवाया।

लेकिन वह नहीं ठीक हुआ। एक दिन तंग आकर मैंने सोचा कि ये भाग ही जाए और मैंने उसे आज़ाद कर दिया। वह सच में भाग गया।

वह 2 घण्टे कहीं गायब रहा। दरवाजे पर किसी के कुत्ते के रोने की आवाजें सुन कर बाहर आया तो वह घायल अवस्था में अंदर आने के लिए हाथ पैर मार रहा था। वह घायल था। उसे कुत्तों ने जगह-जगह काट लिया था। वह सम्भवतः दूसरे कुत्तों के झुंड से मिलने गया था। मैंने दया करके दरवाजा खोला तो वह तेजी से भाग के सोफे के नीचे छुप गया।

मैंने नीचे झांका तो वह गुर्राया। मैंने फिर भी उसे पानी लाकर दिया और उसने पी लिया। दिन भर वह वहीं दर्द से सिसियाता रहा। मुझे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैं दूसरे कमरे में चला आया। फिर भी किसी न किसी बहाने से उसे देख आता कि वह ठीक है या नहीं। मैं सोच रहा था कि उसे प्रतिरैबीज का इंजेक्शन लगवाना होगा अब जल्दी ही।

उसी शाम एक कंपाउंडर के साथ मैंने उसे इंजेक्शन लगवा दिया। लेकिन अब मेरा उससे पहले वाला मोह खत्म हो चुका था अतः मैंने दरवाजा खुला रखा। वह दो दिन घर में ही कैद रहा और दूसरे कुत्तों को देख कर वापस सोफे के नीचे दुबक जाता।

उसकी सेवा करते ही मेरा समय गुजरा लेकिन जल्द ही समय बदला और वह दरवाजे से बाहर थोड़ा इधर उधर घूमने लगा। अब मैं उसका उत्साहवर्धन करने के लिए उसके साथ बाहर जाने लगा। अब वह खुशी से कूदता हुआ, मेरे साथ-साथ दौड़ लगाता था। अब उसका डर खत्म हो गया और वह अपने आप घूम कर वापस घर आने लगा।

कमाल था कि जिसे मैंने बाँधा वह मुझ से दूर जाने लगा था और जिसे आज़ाद किया वह मेरे करीब से नहीं हटा कभी। ज़िन्दगी की असल घटनाएं जो सिखाती हैं वह कोई किवदंती या लोककथाओं का जमघट नहीं सिखा सकता। मैं सीख गया था एक गहरा सबक। प्यार एक चिड़िया की तरह होता है। इसे इतना कस के मत पकड़ो कि वह दम तोड़ दे और इतना अनदेखा भी मत करो कि फुर्र हो जाये। ~ शुभाँशु SC 2018© 5:57 pm india

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