पत्नी का शाब्दिक अर्थ है "बंधुआ स्त्री" अर्थात "गुलाम". गुण स्पस्ट हो गए होंगे।
वैसे धर्मानुसार 4 प्रकार की पत्नियां होती हैं जिनका एक साथ एक ही स्त्री में पाया जाना उत्तम माना जाता है।
1. धर्म पत्नी
2. अर्थ पत्नी
3. काम पत्नी
4. मोक्ष पत्नी
जो चारों कार्य पूर्ण करे उसे संपूर्ण पत्नी कहते हैं। इसको अर्धांगिनी भी कहा गया है कई स्थानों पर। अर्धांगिनी मतलब दायाँ हाथ। यानी जिससे सारा काम करवाया जाता है।
लेकिन यह सब केवल हिन्दू धर्म की भ्रामक व्याख्या है जबकि व्यवहार में महिला का सती होना, पर्दे में रहना, पति से सवाल न करना, उसका कहा मानना, पहली ही रात में सम्भोग, पति द्वारा स्त्री का पिता के घर से हरण, पति का नाम/सिंदूर/बिछुआ रूपी बेड़ी पहनना, पति को स्वामी कहना, उनके नाम को बोलने से परहेज, पति के घर जाकर रहना। दहेज रूपी धन का लाना, इत्यादि बहुत से लक्षण उसको वही साबित करते हैं जो मैंने लिखा हैं।
इसीलिए हम विवाह के खिलाफ हैं। बिना विवाह के जीवन साथी बन के रहिये और मित्रवत जीवन गुजारिये।~ Shubhanshu
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