ज्योतिष में कुंडली की कम्प्यूटेशन की जा सकती है क्योंकि वह और कुछ नहीं आज की घड़ी का पौराणिक विस्तार ही है।
पहले ग्रहदशा अर्थात ग्रह किस दिशा में हैं को देख कर समय का पता लगाया जाता था। आज आप आधुनिक घड़ी से समय देखते हो तो सॉफ्टवेयर पुराने जमाने के समय मापने के तरीके में बदल कर आपको समय लिख देता है।
रही बात वर्षफल/भविष्य/गुण/ग्रहविचार इत्यादि की तो वह प्राचीन काल से एक समय/एक स्थान पर पैदा होने वाले लोगों के बारे में उनके जीवन वृत्त की जानकारी का सर्वेक्षण है। जो पुराने पंडितों ने घर घर जाकर डेटा एकत्र करके बनाया।
अतः इसका सार यह है "जो लोग एक समय/एक स्थान पर पैदा होते हैं वे एक सा जीवन जीते हैं"
इसी के आधार पर आपका भविष्य बताया जाता है। इसी तरह हस्तरेखाओं पर भी सर्वेक्षण किये गए और पाया गया "एक सी रेखाओं वाले लोगों का जीवन भी एक समान होता है।"
फिर पूर्व की तरह लोगों के जीवन वृत्त का अध्धयन करके भविष्य का तानाबाना बना लिया गया जो कि जीन और जलवायु के आधार पर काफी सही बैठ जाता है। बाकी आज लोग अपनी प्रकृति के विरुद्ध जाकर बहुत कुछ कर रहे हैं तो बताया गया भविष्य कुछ हद तक गलत भी आ जाता है।
सार यह है कि आप इसका केवल सकारात्मक हिस्सा देख सकते हैं परंतु नकारात्मक हिस्से को बदलना असम्भव न समझें। आप अपनी प्रकृति को आज पढ़े लिखे होने के कारण बदल सकते हो।
और हाँ जो उपाय इसमे बताए गए हैं न, वह सिर्फ आपका मन रखने के लिये और आपका गुस्सा शांत करने के लिये दिए गए हैं। उनसे होता कुछ नहीं है। 2017/10/17 00:07 Vegan Shubhanshu S.C.
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