कृपया अपनी अक्ल और मेहनत से अपना जीवन खुशहाल बनाइये।
जादू-टोने-पूजा-पाठ-नमाज-भजन-अरदास-प्रार्थना-आत्मा-पुनर्जन्म-नर्क-जन्नत-हूर आदि बकवास में अपना धन व समय बर्बाद करके खुद को और गड्ढे में न धकेलें।
यह मानसिक रोगियों के दिमाग में पैदा होने वाले हेलुसिनेशन होते हैं जो सकेज़ोफ्रेनिक लोगों को वास्तव में दिखते हैं। उनके चक्कर में आप तो पागल न बनिये।
दिमाग को क्षतिग्रस्त करने के लिये विशेष अगरबत्ती/धूप/यज्ञ आदि पारा व नशा मिश्रण करके बनाई जाती है जो सांस के रास्ते दिमाग में जाकर उसे क्षतिग्रस्त कर देती है और आपको अजीब अजीब अनुभव होने लगते हैं। धार्मिक स्थलों पर अगरबत्ती या किसी भी प्रकार का धुआं/इत्र इत्यादि का और कोई उद्देश्य नहीं है।
प्रशाद इत्यादि में बहुत कम मात्रा में अफीम मिली होती है ताकि आप इसके तलबगार होकर बार-बार आएं।
इसके अलावा बौद्ध सन्यासी एक फूल का प्रयोग भी इसी कार्य के लिये करते हैं। यदि आप इन बाबा-गुरु के पास जाते हैं तो वे आपको इसी प्रकार की चीजों से भृमित कर देते हैं और आपके मस्तिष्क को हमेशा के लिये क्षतिग्रस्त करके हमेशा के लिये बर्बाद कर देते हैं। ज्ञात हो कि सामान्यतः दिमाग की क्षतिग्रस्त कोशिकाओ को वापस ठीक नहीं किया जा सकता क्योंकि वे दोबारा नहीं बनतीं।
जिन लोगों को भूत दिखते हैं, आत्मा/ईश्वर/जिन्न दिखता है वे सब अब कभी ठीक नहीं हो सकते। उन पर भरोसा न करें। वे कह तो सत्य रहे हैं लेकिन उन्होंने यह सब दिवास्वप्न में देखा है। जो मैं सोते समय देखता हूँ। मैं अपना स्वप्न आपको सुनाऊं तो वह lie detector में भी पास हो जायेगा।
ऐसे ही जो घोस्ट बस्टर आपको तरह तरह के उपकरण लेकर भूत ढूंढने, पॉजिटिव-निगेटिव ऊर्जा की बकवास करते दिखते हैं, वे भी पृथ्वी के गर्भ में होने वाली तरल कोर की गतिविधियों से दिमाग पर होने वाले असर और वस्तुओं के अपने आप हिलने डुलने (स्टैटिक एनर्जी) वाले क्रियाकलापों को ही मापते हैं। साथ ही यह उनका धंधा है तो मनोविज्ञान का दुरुपयोग तो करेंगे ही। अगर मुफ्त में भी करते हैं तो यह उनका सेम्पल होगा या इनको कोई धार्मिक स्थल मदद दे रहा होगा।
कभी सोचा है कि कैसे,
1. केवल धर्म विशेष के व्यक्ति पर चढ़े भूत पर धर्म विशेष के चिंन्ह का ही असर होता है?
2. मनोविज्ञानी भी पिछले जन्म के राज खोलनेवाला प्रयोग करके पिछले जन्म की यादें कैसे इसी जन्म में निकालते हैं और कैसे वह सच में इतिहास में दर्ज मिलता है?
अब इतना हमने समझाया। थोड़ा खुद भी समझो। वैसे भी यह पोस्ट बुद्धिमान/MBBS/मनोचिकित्सक/वैज्ञानिक और रिसर्च करने वालों को ही समझ में आएगी। और हाँ उनको भी जिनकी मैंने पोल खोली है। ~ रहस्यमयी ज़हरबुझा Shubhanshu का भूत। 2018/03/24 10:03 😁👊😬 2018©® VSSC
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