प्रायः लोगों से यह सुनने को मिलता है कि आपकी मां-बहन-बेटी-मित्र को आप ऐसा करने दोगे, जैसा अन्य स्त्रियों के लिये आप वकालत कर रहे हैं? या अपनी माँ-बहन-बेटी-मित्र को मेरे बिस्तर में भेज दे।
क्या कभी आपने सोचा भी कि आपकी यह मानसिकता क्या दर्शाती है?
एक तो, यह दर्शाता है कि आपकी माता-बहन-बेटी-मित्र आज़ाद नहीं हैं। आपके कब्जे में हैं। आप हैं उनके निर्देशक। आपके पैर की जूती हैं वे। आप जो चाहें उनसे करवा सकते हैं। इसीलिये तो बिना जाने बूझे सीधे किसी पुरुष से ऐसा सवाल कर देते हैं।
दूसरे, यह दर्शाता है कि आपकी नज़र में महिला सिर्फ उपभोग की वस्तु मात्र है। जिसमें जान नहीं होती। इच्छा नहीं होती। प्रतिरोध की क्षमता नहीं होती।
फिर जब आप खुद को नारीवादी कहते हैं तो समझ में नहीं आता कि मैं रोऊँ या हँसूँ? ~ Shubhanshu ©2018 5:50am, 08-03-2018
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