एक मित्र हैं FB पर उनकी मुखरता देख कर मुझे पहली बार फेमिनिज़्म की ताकत महसूस हुई।
क्या आप भी एक महिला हैं? क्या आप भी अपनी मर्जी का बोलने से डरती हैं? क्या आपको लगता है कि पुरुषप्रधान समाज आपको तंग कर सकता है? तो आपको अपनी मित्र से सीखा तरीका बताता हूँ।
अपनी असली नाम की एक ID बनाइये (फेसबुक की policy)। यह आपकी ID को कभी बन्द नहीं होने देगा। कोई fake name की रिपोर्ट करे तो फेसबुक आपसे सरकारी id मांगेगा। आप वह अपलोड कर दें। फेसबुक उसे आपके नाम से मिला कर तुरन्त डिलीट कर देगा (privacy protection).
Note: English में ही नाम लिखें। अन्यथा फेसबुक लिख देगा।
अब कोई भी अपनी पसन्द का स्लोगन, तस्वीर या विचार का DP लगाइये। कोई फिर रिपोर्ट करेगा fake account की तो फेसबुक आपका असली फ़ोटो upload करने को कहेगा। कर दीजियेगा। फेसबुक फिर से उसे देख के हटा देगा। प्रोफाइल अब हो गया परफेक्ट।
अब जी भर के दिल का गुबार निकालिये। अश्लील शब्द लिखने हैं तो उनको **** कर दें। जो भी आप सोचती हैं सब पेल दें अपनी वाल पर। अब जिसे जो उखाड़ना हो उखाड़ ले। आपका कुछ नहीं उखाड़ पायेगा। अपना ही उखाड़ ले तो कह नहीं सकते। हम ज़िम्मेदार नहीं।
इससे क्या होगा? इससे यह होगा कि पुरुष को पता चलेगा कि महिला को कम न समझे। जो गाली नहीं दे सकती, तू-तड़ाक से नहीं बोल सकती, संस्कारी होती है, खुल कर सेक्स पर नहीं बोल सकती आदि। अपना देवी वाला झूठ उतार फेंकें। अपनी मर्जी को खुल कर सबके सामने कहिये। मांगिये वह हर अधिकार जो पुरुषों को है। हर तरह का।
यही तो है असली फेमिनिज़्म। जो पुरुष कर सकता है, वह हम महिलाएं भी कर सकें। बराबरी। समानता का संवैधानिक अधिकार।
घटिया टाइप के पुरुष आपको बदनाम करने की कोशिश करते हैं लेकिन आप तो अदृश्य हैं। आपके नाम की करोड़ों महिलाएं हैं। तो क्या कर सकेगा आपका/आपकी पुरुषवादी दुश्मन? यह आपको जितना सुकून देगा उतना ही घटिया सोच वाले दोहरे मापदंड के समाज को तगड़ी चोट भी देगा।
अपने दोस्तों से आपको उम्मीद नहीं तो एक और असली profile बना कर उसको असली फ़ोटो से चलाइये। दोनो का सदुपयोग कीजिये। आपका मित्र ~ शुभाँशु जी 2018©
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