जंतुओं में 90% बच्चे incest से होते हैं। विज्ञान का एक प्रभाग अनुमान लगाता है कि incest से पैदा हुए बच्चे गड़बड़ होते हैं क्योंकि एक ही DNA कई बार टूटता है। बेहतर सन्तति के लिये DNA नवीनीकरण आवश्यक है। परन्तु जंतुओं में हम ऐसा नहीं होते देखते। साथ ही मिस्र के राजवंश जो कि बेहद ज्ञान विज्ञान के रहस्य समेटे हैं वे सभी incest से ही राजवंश चलाते थे।
वंश चलाने की वास्तविक शर्त यह है कि वंश की संतति में किसी और DNA की मिलावट न हो। यह बात मिस्र का राजघराना और ब्रिटेन का राजघराना जानता है। बाकी इस बात से अंजान रहे और एक मिश्रित वंश को अपना वंश कहते रहे। हम सब आज भी इसी गलतफहमी में रहते हैं कि अगर हम किसी अन्य परिवार की लड़की से विवाह/बच्चे करते हैं तो हम अपना वंश आगे बढ़ा रहे हैं। जबकि आने वाला बच्चा आपके और आपकी पत्नी/साथी दोनो का 50-50 प्रतिशत DNA लेकर आता है, अर्थात दो भिन्न लोगों का वंश। एक दूषित वंश।
यही आगे चलकर जब नाती-पोतों तक पहुँचता है तो आपके वंश का बेहद सूक्ष्म अंश मात्र ही भावी सन्तति में शेष रह जाता है। बाकि उसमें दूसरों का DNA ही ज्यादा होता है। इस प्रकार आपकी खूबियाँ या कमियां, जो भी हैं, वह आने वाली सन्तानों में नहीं रहतीं। दूसरों की आ जाती हैं।
पशुओं/जंतुओं में 90% से अधिक incest sex होने के कारण ज्यादा शुद्ध वंश होता है तथा उनके पुरखों के अनुवांशिक लक्षण जस के तस बने रहते हैं। जबकि मानव भिन्न DNA से संयोग (प्रजनन) करके अजीब-अजीब नए प्रयोग कर रहा है। परिणामतः अजीब-अजीब लोग (अच्छे या बुरे) पैदा हो रहे हैं।
यथा-
अच्छा पुरुष + बुरी स्त्री = अच्छा-बुरा बच्चा/बच्ची
अच्छा पुरुष + अच्छी स्त्री = अच्छा बच्चा/बच्ची
मूर्ख पुरुष + बुद्धिमान स्त्री = 50-50% गुण यानी सामान्य बच्चा/बच्ची
बुद्धिमान पुरुष + मूर्ख स्त्री = 50-50% गुण यानी सामान्य बच्चा/बच्ची
सामान्य पुरूष + सामान्य स्त्री = सामान्य बच्चा/बच्ची
सामान्य व्यक्ति + X व्यक्ति = 50-50% सामान्य तथा X गुण।
मूर्ख पुरूष + मूर्ख स्त्री= मूर्ख या महामूर्ख बच्चा/बच्ची
बुद्धिमान पुरुष + बुद्धिमान स्त्री = बुद्धिमान या महाबुद्धिमान बच्चा/बच्ची
जहाँ, X = अच्छा, बुरा, बुद्धिमान, मूर्ख, महामूर्ख, महाबुद्धिमान संयोग आदि।
नोट: अच्छा/बुरा/मूर्ख/बुद्धिमान के पैमाने = एकल व्यक्ति के समस्त गुणों का निष्कर्ष
जबकि incest में -
व्यक्ति के विशेष गुण/अवगुण (अनोखापन) बरकरार रहता है। जैसे:
एक ही माता पिता की सन्तति का बच्चा/बच्ची अपने खानदान की प्रतिकृति होगा। अब या तो मूल पुरखा मूर्ख हो या बुद्धिमान। उसका वंश उसी के गुणों/अवगुणों को आगे बढ़ायेगा और योग्यतम की उत्तरजीविता के नियम से बचेगा या समाप्त हो जाएगा।
अब वह विज्ञान की चेतावनी किसलिये और किस आधार पर है? वह दरअसल इन्हीं कुछ राजवंशों के वंश बेल का अध्ययन ही है जिसमें कुछ मूर्ख लोग भी थे।
विशेष note: संशोधन का विकल्प खुला है। पूर्णतया स्मृति ज्ञान पर आधारित जानकारी। कोई गलती होने पर सुधारें। ~ शुभाँशु जी 2018©
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