दलाल: मैंने बसपा को वोट दिया था इसलिये मैं भाजपा को कोसने का हक रखता हूँ।
शुभ: मतलब बसपा आपके वोट देने से भी हार गई?
दलाल: जी हाँ।
शुभ: क्यों?
दलाल: क्योंकि भाजपा को पूरे देश में सबसे अधिक वोट मिले हैं। बसपा को कम वोट मिले।
शुभ: इसका मतलब है कि बसपा की कोई इज़्ज़त नहीं करता, भाजपा की सब करते हैं तभी सबने उसे वोट दिया होगा?
दलाल: भाजपा को किसी ने वोट नहीं दिया। ये सब EVM में गड़बड़ी करके जीती है।
शुभ: मतलब आपने जो वोट दिया वो भाजपा को चला गया?
दलाल: हाँ।
शुभ: मतलब आपने ही भाजपा को वोट देकर जिताया है?
दलाल: No Comments!
शुभ: कांग्रेस का राज जब था तब अन्नाहजारे का आंदोलन हुआ। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये ही न? फिर उस भ्रष्टाचार वाली सरकार को हटाने के लिए जनता ने क्या चुना?
वही जो उस समय हजारे के आंदोलन में वादे करने आया। वो bjp का ही कोई नेता था जो उस समय live गाड़ी से आया था आंदोलन स्थल पर। जिसे उल्टे पांव वापस किया गया था।
जब जनता कांग्रेस पर थूक रही थी तब विकल्प bjp ही थी क्योकि वो टक्कर की थी और वही अन्ना के आंदोलन को सपोर्ट करी थी। इसमें EVM दोषी कैसे हुई? तर्क है कोई?
दलाल: No Comments!
शुभ: कोई बात नहीं, होता है। ये बताओ जब कई सालों से रो रहे हो कि EVM से चुनाव नहीं करना है, बैलेट से करना है तो वोट देने क्यों गए? जब वोट भाजपा को ही जाता है तो वोट देकर भाजपा को जिताने आखिर क्यों गए आप?
दलाल: No Comments!
शुभ: बसपा, कांग्रेस और बाकी सारे विपक्षी दल मिल कर भी EVM में गड़बड़ी क्यों नहीं कर पा रहे? आप लोग भी ऐसा करके जीत जाते? पिछले बहुत सालों से EVM पर शक किया जा रहा है फिर भी हर बार भाजपा ही क्यों सेटिंग कर लेती है? 11 दल मिल कर भी सेटिंग नहीं कर पा रहे और जो पार्टी जीत गई, उसने ही सेटिंग कर रखी है, ये कैसे साबित करोगे?
दलाल: चुनाव आयोग मिला हुआ है भाजपा से।
शुभ: जी बिल्कुल, तभी तो EVM में सेटिंग होगी। आप लोग क्यों नहीं मिल जाते चुनाव आयोग से?
दलाल: No Comments!
शुभ: कोई बात नहीं, होता है। ये बताओ जब चुनाव आयोग ने कहा कि 1 करोड़ रुपये देगा, EVM हैक करके दिखाओ। तब क्या हुआ था? कोई आगे क्यों नहीं आया?
दलाल: वो कह रहा था कि EVM की सील तोड़े बिना उसे हैक करो। बिना खोले EVM हैक कैसे हो सकती है?
शुभ: बिल्कुल, अगर EVM खोली जा सकती है तो उसमें गड़बड़ी करना सम्भव है। लेकिन EVM खोलना तो अपराध है। जिस कम्पनी ने इसे बनाया है उसने इस पर सुरक्षा सील लगाई है जिसे तोड़ना अपराध घोषित है। चुनाव आयोग भी उसे नहीं खोल सकता और न ही कम्पनी अपना पेटेंट रिवर्स इंजीनियरिंग से सुरक्षा के लिए बर्बाद कर सकती है।
बोत्सवाना सरकार इसी कड़ी सुरक्षा के कारण भारत की प्रसिद्ध EVM खरीदने भारत आई। उसने सुरक्षा की पुष्टि हेतु इसे खोलने का आवेदन अदालत में किया और अदालत ने सारी जानकारी लेने के बाद सुरक्षा नियमों के कारण EVM को खोलना अपराध है इसलिये आज्ञा नहीं दी। अब मुझे बताइये EVM को कैसे खोला जा सकता है बिना अपराध किये?
दलाल: अगर कोई अपराध करके इसे खोले, छेडख़ानी करके वापस बन्द कर दे और सुपरवाइजर को खरीद ले तो धांधली हो सकती है।
शुभ: मतलब आपको धांधली करके के सब तरीके पता हैं। फिर भी असफल? कमाल है। चलिये ये बताइये VVPAT क्यों लगाया जाता है?
दलाल: कोई भी गड़बड़ी की गुंजाइश न रह गई हो इसलिये एक पर्ची प्रिंट होकर पक्का करती है कि वोट आपके चुने हुए प्रत्याशी को ही गया है।
शुभ: कमाल है, आप तो वाकई समझदार हैं। जब कोई गड़बड़ी हो ही नहीं सकती है तो भी आप EVM ban करो चिल्ला रहे हैं?
दलाल: VVPAT की सारी मशीनों की पर्चियों को क्यों नहीं गिनता EC?
शुभ: आप लोग अदालत गए थे। उधर से क्या जवाब मिला?
दलाल: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हर मशीन की पर्ची गिनी जाएगी तो फिर चुनाव EVM से कराने का क्या फायदा? रैंडम कोई भी 5-5 मशीनें गिनती के लिए उठा लीजिये और उनसे EVM का मिलान कर लें। कोई भी मशीन गड़बड़ी करी हुई होगी तो वो उनमें से पकड़ में आ जायेगी।
शुभ: फिर क्या हुआ? पकड़ी गई गड़बड़ी?
दलाल: नहीं। सुप्रीम कोर्ट भी EC और भाजपा से मिली हुई है। 😂
शुभ: गजब स्टेटमेंट। भाजपा ने पूरा देश खरीद लिया और आप हाथ में लंदन पकड़े खड़े रह गए? अब आप आखिर में ये भी कहोगे की भाजपा ने मुझे भी खरीद लिया है।
दलाल: वो तो है ही। तुझे कभी जय भीम कहते नहीं देखा, सवर्णों जैसा नाम है, सरकार की दलाली कर रहा है, कानून, सुप्रीम कोर्ट और सिस्टम को ठीक बताता है। तू है ही उससे मिला हुआ।
शुभ: सही पकड़े। आप वाकई विद्वान हैं। कमाल है, सब भाजपा से मिले हुए हैं और आप अकेले कैसे छूट गए भाई साहब? आपके अंदर टेलेंट है। नाम में जाति खोजने का। हारने का। खिसियाने का। हर आदमी जो आप से सवाल करे उसे भाजपा का भक्त बताने का। बेशर्मी का। झंड करवाने का। सिर्फ जाति के नाम पर वोट लेने का। विकास को अपने उस पर रखने का। नाम से ही सवर्णों से इतनी नफरत करने का कि देखते भी नहीं कि सामने बहुजन है या सवर्ण। कीचड़ से कीचड़ धोने का टैलेंट है आपमें। जय भीम।
दलाल: अब तू क्यों बोला जय भीम?
शुभ: क्योंकि आपको दिखतां नहीं कि आपके सामने एक बहुजन ही खड़ा सवाल कर रहा है। विचार तो आप देखते नहीं। नाम से जाति पता करके इज़्ज़त उछालने की ब्राह्मणवाद नीति अपना ली है। जब तक कोई जय भीम न कहे वो बहुजन हो ही नहीं सकता आपके हिसाब से तो साबित करने के लिए बोल दिया। प्रमाणपत्र आप मांगते ही कहाँ हो किसी से जो आपको दिखाऊँ?
दलाल: अरे, फिर ऐसा नाम क्यों रखा?
शुभ: जाति जातिप्रमाण पत्र से पता चलती है। नाम से नहीं। इसीलिये मैंने ये नाम रखा ताकि कोई नाम में जाति खोज कर अपनी जातवादी सोच सामने दिखाए और मैं उसको अपनी ज़िंदगी से हटा दूँ। जो जातिवादि सवर्ण हैं वे मुझसे नफरत न करें और जो बहुजन है उनके अंदर कितना जातिवाद भरा है वो भी दिख जाए।
दलाल: No Comments!
शुभ: आशा है आज आपको थोड़ी शर्म आयी होगी। मुझे तो आपको शर्मिंदा करके बड़ा अच्छा लगा क्योंकि मैंने देख लिया कि क्यों बसपा हारती है। आप जैसे घटिया लोगों के कारण। जो बस अपना उल्लू सीधा करना जानते हैं। सत्य बोलना नहीं। जब तक बसपा सत्ता में नहीं है, बसपा ने कितने लोगों की मदद करी पार्टी फंड से? कितने लोग बसपा को बहुजन प्रेमी मानते हैं? क्या सिर्फ जयभीम बोलने भर से? मैं राजनीति में विश्वास नहीं करता। कभी वोट नहीं देता। आखिर क्यों? सोचना कभी। ~ Shubhanshu Dharmamukt 2019©