Zahar Bujha Satya

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शुक्रवार, सितंबर 20, 2019

आर्थिक मंदी का जिम्मेदार कौन? ~ Shubhanshu



जनता के संतृप्त हो जाने के कारण नए उत्पादों की बिक्री न होने से जैसे ऑटोमोबाइल आप एक बार लेते हो या सायकिल तो वह वर्षों तक दोबारा खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। इनका सेकेंड हैंड बाज़ार भी होने के कारण लोग इन से संतुष्ट हो जाते हैं। सड़कों पर भी एक सीमा से ज्यादा वाहन ट्रैफिक जाम करते हैं इसलिए लोग वापस पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर आ जाते हैं और इससे प्रदूषण भी कम हो जाता है।

कभी न कभी इस तरह के हालात आने ही हैं। ये चक्र चलता ही रहता है। इस तरह की घटना से मुक़ाबले के लिये सरकार की बड़ी घोषणाएँ जो व्यापार जगत को आर्थिक मदद देकर उनको बाज़ार में बनाये रखने में मदद करेगी।

1. कॉरपोरेट टैक्स में भारी कटौती ; कंपनियों पर कर की दर 25.17% ; दूसरी कोई छूट न लेने पर 22% ; कोई मैट नहीं ।

2.मैनुफैक्चरिंग में निवेश करने वाली नई कंपनी पर कॉरपोरेट टैक्स सिर्फ 17.01%

3. MAT की दर 15%

4. जो कंपनियाँ बाजार से अपने शेयरों को वापस ख़रीदने में निवेश करना चाहती है, उनकी इस ख़रीद से होने वाले मुनाफ़े पर कोई कर नहीं ।

5. कृषि क्षेत्र के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र भी निवेश योग्य धन के मानदंड पर अब इस क्षेत्र के लिये तक़रीबन सालाना 1.45 लाख करोड़ की राजस्व की छूट दी गई है । 

यदि सरकार न हो तो इस लाइन में लगा व्यापार जगत बर्बाद हो सकता है। आपकी मदद करने के लिये ही सरकार का निर्माण आपने ही किया है। आप सब अपनी ही मदद कर रहे हो टैक्स अदा करके। नकारात्मक सोच वाले इसमें भी कुछ न कुछ गंदगी खोज ही लेंगे क्योंकि उनको वही पसंद है। ~ Shubhanshu Dharmamukt 2019©

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