एक मानसिक स्थिति जिसमें व्यक्ति खुद से प्रेम करता है। खुद की सफलता पर प्रसन्न होता है। और बेहतर होता जाता है। और तरक्की करता है। खुद का ध्यान रखता है। अच्छा खाता, पहनता है, अच्छी संगत में जाता है। जीवन में और लोगों से वैसे ही व्यवहार करता है जिससे उसे बदले में भी वही व्यवहार मिले। ऐसे लोग ही तो जीवन में सफल होते हैं।
आत्मविश्वास से लबरेज लोगों ने ही प्रेरणा बनकर दुनिया बदली है। नकारात्मक लोग दूसरो को दोष देते हैं जबकि सकारात्मक खुद को। तो जो सकारात्मक होते हैं वे आत्ममुग्ध हो ही जाते हैं क्योंकि उनको खुद को ही बदलने का काम शेष रह जाता है। दुनिया तो हमसे ही बनी है और अगर हम खुद से प्रेम करें तो पूरी दुनिया से कर सकते हैं।
अतः अपनी छोटी-छोटी सफलताओं पर गर्व कीजिये। क्या पता कब आपकी अंतिम रात हो और खुद पर गर्व करने लायक कुछ कर ही न पाओ। ~ Shubhanshu Dharmamukt 2019©
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