Zahar Bujha Satya

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शुक्रवार, सितंबर 06, 2019

कोई भी perfect हो सकता है, लेकिन... ~ Shubhanshu


"कोई भी परफेक्ट नहीं होता।" एक नकारात्मक वाक्य है लेकिन दरअसल इसे जल्दबाजी में नकारात्मक लोगों ने इस तरह से कहा है। यह एक पॉजिटिव बात है लेकिन लोग इसे पॉजिटिव way में नहीं कहते क्योंकि उनको "नहीं" सुनने की पुरानी आदत है। क्या आपने बचपन से अपनी 99% फरमाइशों को अगले का "नहीं" सुन कर दफन नहीं किया?

सही वाक्य होता है, "कोई भी परफेक्ट हो सकता है लेकिन अस्थायी समय के लिये।" अब इस वाक्य ने पिछले वाक्य के सामान्तर बात कही है, ऐसा प्रतीत हो रहा है लेकिन इस बार, सकारात्मक तरीके से। इस सब को समझने के लिये पॉजिटिव दिमाग का होना अत्यंत आवश्यक है।

देखिये, कोई भी परफेक्ट हो सकता है लेकिन अस्थायी समय के लिये। जैसे, यदि कोई अपने आप को कहे कि वह परफेक्ट है (परफेक्ट में कोई और परिवर्तन नहीं किया जा सकता) तो हम उससे कहेंगे कि कोई भी परफेक्ट हो सकता है, लेकिन अस्थायी समय के लिये।

अब वह सोचेगा कि मतलब, "यह पूर्णता (perfection) अस्थायी है।" अगर कोई केवल अस्थायी समय के लिए परफेक्ट हो सकता है तो मेरा लगातार परफेक्ट बने रहना असम्भव है। अतः मुझे और सुधार करते रहने होंगे।

इस सोच में लोगों ने "और सुधार सम्भव है।" कहने के स्थान पर कह दिया कि "Perfection संभव नहीं है।" नकारात्मक कहने-सुनने की पुरानी आदत के कारण। 

इस बात को इस तरह समझ सकते हैं कि अगर वास्तव में कोई थोड़े समय के लिये भी परफेक्ट "नहीं" होता तो यह शब्द अस्तित्व में ही "नहीं" होता और हम किसी कार, मोटरसाइकिल, लडकी, लड़का, मकान, तस्वीर, फ़िल्म को देख कर खुशी से "परफेक्ट" नहीं कह पाते।

परफेक्शन हमारे किसी चीज या कार्य को, अधिकतम जानकारी के हिसाब से, बेहतरी के अभ्यास से, कुछ समय के लिये, आ सकता है लेकिन जल्द ही कोई, उससे ज्यादा अभ्यास करके, उससे बेहतर, नया व अस्थाई, परफेक्ट उदाहरण ला सकता है। अतः यह समय पर और काबिलियत पर आधारित एक अस्थायी स्थिति है।

किसी के लिये वह उदाहरण अत्यधिक उपयोगी होने के कारण, उस समय परफेक्ट लग सकता है लेकिन जो उससे ज्यादा की आशा रखता है, उसके लिए वह सदा imperfect ही रहेगा।

ये बात आपको मेरे अलावा कोई व्यक्ति बताया हो, तो बताना। मेरा यह विश्लेषण कितना परफेक्ट है? ये आप के हिसाब से तय होगा। अतः आप में से कोई भी परफेक्ट हो सकता है, लेकिन सिर्फ थोड़े समय के लिये! 😊 ~ Dharmamukt Shubhanshu

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