धर्म/धम्म/पंथ की दुकानें सजी हैं। मेरा माल best है, यही सबको लगता है। दरअसल हर कोई अपनी सोच को दूसरों पर थोपने के लिये किसी बड़ी हस्ती का सहारा लेता है, जैसे अमिताभ, शाहरुख, सलमान, कैटरीना, करीना आदि वैसे ही अल्लाह, शिव, विष्णु, बुद्ध, महावीर, यीशु, योहोवा, आदि धर्म के विज्ञापनों में अपनी मुहर लगा कर उनके उत्पादों को महत्वपूर्ण बताते हैं। लेकिन ये भूल जाते हैं कि ये उदाहरण एक बात साफ बता रहे हैं कि 96 प्रतिशत 'धन कमाने' वाले लोग अपनी बुद्धि से चलने की जगह किसी एक्सपर्ट की बुद्धि पर भरोसा करके अपना जीवन जीते हैं। और ये बात भी भूल जाते हैं कि एक्सपर्ट बिकाऊ और मूर्ख भी हो सकता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें