Zahar Bujha Satya

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गुरुवार, अप्रैल 30, 2020

Pedophilia: A strange Crime




पीडोफिलिया एक ऐसा विकृत सेक्सुअल ओरिएंटेंशन है जो कि कानून में आपराधिक रूप से दर्ज है। इसके बारे में विडंबना ये है कि इसमें इससे पीड़ित रोगी की कोई गलती नहीं होती है।

वह अपनी विकृति/प्रकृति के चलते बच्चों से संभोग के प्रयास करते हैं। फिर भी उनको सज़ा दी जाती है, क्योंकि वे इस प्रयास में बच्चों के साथ बलात्कार करते हैं या सहमति से भी सम्भोग करते हैं तो भी वो अव्यस्कता के चलते, बलात्कार में दर्ज किया जाता है।

इस सज़ा का तर्क ये है कि ज्यादातर मामले में ऐसे प्रयास वयस्क द्वारा अवयस्क के साथ ही होते हैं और वयस्क के यौनांग अवयस्क के यौनांग को अपने बेमेल आकार के कारण घायल कर देते हैं जिससे अधिक रक्त बहने/संक्रमण के कारण मृत्यु होने का बहुत अधिक खतरा रहता है। साथ ही मानसिक आघात भी लगता है अगर बलात्कार हुआ हो तो। इस कारण कोई गलती जानबूझकर न करने पर भी वे अपराधी बनते हैं।

ऐसे लोगों को चाइल्ड पोर्न देखने का बहुत शौक होता है। नहीं मिलने पर ये किसी न किसी बच्चे को अपना शिकार बनाते हैं। चाईल्ड पोर्न को न सिर्फ बनाना अपराध है बल्कि इसे देखना, रखना भी अपराध है। कारण वही है, अवयस्क का बलात्कार और उसकी जान को खतरा।

चाइल्ड पोर्न के डर से ही भारत में सभी पोर्न साइट पर रोक लगाई गई। हालांकि कोई वेबसाइट चाइल्ड पोर्न नही परोसती है क्योंकि ऐसा करना अपराध है। फिर भी इंटरनेट कम्पनियों ने किसी प्रकार के लाइसेंस जाने के खतरे से बचने हेतु सभी पर रोक लगा दी है। परन्तु व्यक्ति से व्यक्ति तक कोई भी ऐसा पोर्न बना कर भेज सकता है। अतः व्हाट्सएप और टेलीग्राम आदि मैसेंजर द्वारा पीडोफाइल लोग ऐसे वीडियो भेज सकते हैं। ये वीडियो लोग खुद अपराध करके बनाते हैं और अपने जैसे लोगों को देकर खुद के लिए सपोर्ट पाते हैं या बदले में नए विडियो पाते हैं।

यहाँ ये बता दें कि, बच्चे जब बच्चों से सेक्स करते दिखते हैं तो यह घातक नहीं होता, क्योंकि उनसे कोई नुकसान नहीं प्रतीत होता है और न ही अंग घायल होते है। जबकि कोई वयस्क पुरुष (18 साल से अधिक) या किशोर (15 साल से अधिक) किसी बच्चे (12 साल से कम) के साथ सम्भोग प्राकृतिक या अप्राकृतिक मैथुन करता दिखता है तो यह अपराध होगा।

हांलाकि यदि दोनो को आनन्द आ रहा है तो यह नैतिक रूप से बलात्कार नहीं होगा परन्तु सैद्धांतिक रूप से ये सब चाइल्ड पोर्न और बलात्कार में ही आता है और यही मान्य होगा। ये कुछ कानूनी अन्यायपूर्ण कदम हैं, परन्तु सुरक्षा की दृष्टि से यही उचित है। अपवादों को बस राहत माना जा सकता है परंतु इनके चलते सबको अपराध करने की छूट नहीं दी जा सकती।

वयस्को का ऐसा पोर्न जो कोई नुकसानदेह कार्य पर आधारित न हो तो वह उचित है और उसमें कोई दोष नहीं माना जाता। विदेश में FBI इसकी अनुमति देती है। भारत में भी पोर्न देखने पर कोई रोक नहीं है। सभी वेबसाइट कानून के अनुसार ही पोर्न परोसती हैं। यदि कभी कोई वीडियो आपको गलत दिखे तो उसकी रिपोर्ट उसी वीडियो में बने लिंक पर कर सकते हैं। इससे विडियो की पुनः जांच होती है और गलत पाए जाने पर हटा दिया जाता है। इससे जुड़ा कोई प्रश्न हो तो पूछ सकते हैं। ~ Shubhanshu Dharmamukt 2020©

स्रोत: पकड़े गए अपराधियो के बयान, भुक्तभोगी के बयान, कानून, समाचार, मनोविज्ञान, कॉमन सेंस और व्यक्तिगत विचार।

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