एक ज्योतिषि सिर्फ एक अभ्यस्त व्यक्ति होता है जिसने ज्योतिष की विधियों को अच्छी तरह से याद कर लिया है। वह बस एक माध्यम होना चाहिए। ज्योतिष के साधन और विधि पढ़ कर कोई भी ज्योतिषी बन सकता है। सब पहले से लिखा हुआ है।
कोई ज्योतिषी अगर अपने मन से फलादेश में छेड़छाड़ करे तो इस बात का प्रमाण दे रहा है कि उसकी प्रयुक्त सारी विधि बेकार है या उसमें कमी है।
इस प्रकार से हर विधि का एक ही उत्तर आना चाहिए जिसे हम जांच सकें। इससे फर्क नहीं पड़ता कि ज्योतिषी कौन है। विधि को पढ़ना उसे आता हो, बस यही काफी है। यदि मेरी बात से कोई आपत्ति हो तो कह सकते हैं। ~ Shubhanshu Dharmamukt 2020©
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