कुछ विद्वानों को लगता है कि करोड़ो रूपये माफ कर दिए विलफुल डिफॉल्टर के और किसानों का कर्ज माफ नहीं कर रहे। इन विद्वानो को न तो कानून पता हैं और न ही नियम। ये कम्युनिस्ट संविधान को नहीं मानते इसलिये ऐसी सोच रखते हैं।
NPN कानून के तहत जब व्यक्ति के पास कुछ सम्पत्ति नहीं शेष रह जाती है तो उसे दिवालिया कहा जाता है। यानि हम उससे कुछ वसूल नहीं कर सकते। नँगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या?
इसको ऐसे समझो। स्थिति 1: माना आपने नियमो का पालन करके सम्पत्ति गिरवी रख कर लोन लिया और एक मंदिर बनाया। खूब कमाई हुई। फिर अचानक एक दिन lockdown लग गया। गांड फट गई। एक एक पैसे के मोहताज हो गए। लोन की किस्त गांड से बाहर आने लगी। तब आपने कहा कि ले लो मंदिर, ले लो घर। मेरी पूरी तरह से फट गई है। अब सिलने को धागा तक न बचा। तब बैंक आपकी जांच करेगी और आपकी सम्पत्ति के वर्तमान मूल्य का आंकलन करके उसे नीलाम कर देगी।
अब मान लो मंदिर नीलाम हुआ कम कीमत पर। जैसे 1 करोड़ का मंदिर अब 1 लाख का रह गया, आपने लोन लिया 50 लाख का। क़िस्त चुकाना बन्द कर दिया क्योंकि आमदनी कम हुई। ब्याज बढ़ता गया। 1 करोड़ हो गया। अब बैंक को 100 लाख की जगह केवल 1 लाख मिला। आप खड़े नँगे, बेघर, सड़कछाप, तब बैंक आपका 99 लाख NPN के नियम से माफ कर देगी और रिजर्व बैंक से मदद लेगी।
स्थिति 2: अगर आप ने पैसा होते हुए भी क़िस्त नहीं दी और भाग गए देश छोड़ कर, तो आप विलफुल डिफाल्टर हुए। ऐसी दशा में आपको इंटरपोल पुलिस पकड़ेगी और पकड़ने के बाद जो भी सम्पत्ति मिलेगी, उससे लोन चुकायेगी और बचा हुआ लोन, चूंकि कुछ बचा ही नहीं है अगले पर, उसे माफ कर देगी। लेकिन जेल भेजा जाएगा।
स्थिति 3: आप किसान हैं। आपने 20 लाख लोन लेकर अपना खेत गिरवी रखा। इस पैसे से बेटी की शादी में दावत करी। उत्सव मनाया। खूब कर्जा लेकर दारू पिया। सब 20 लाख उड़ा दिया। अब कमाई हुई कम। तो गांड फ़टी कि लोन कैसे चुकाएँ? ब्याज बढ़ता जा रहा है। तब आप सरकार को कोसते हैं कि कारपोरेट के करोड़ो माफ कर दिए, हमारे लाखों माफ नहीं कर रहे। अरे भाई, आप भी खेत-मकान बेचकर सड़क पर आ जाओ। दिवालिया हो जाओ। भीख मांगो। आपका भी लोन माफ हो जाएगा। या पैसा हो तो विदेश भाग जाओ। पुलिस जब पकड़ेगी तो जीवन भर जेल में रहना। तब तक ऐश करना। हाँ लोन उसमें भी माफ हो जाएगा, इधर की सम्पत्ति नीलाम करने के बाद बचा हुआ।
तो आपने समझा कि भिखारी बन गए व्यक्ति को धन दिया जाता है, न कि लिया जाता है। इतना तो खुद जानते होंगे। वैसे भी विलफुल डिफाल्टर को अपराधी माना जाता है। तो कानून तो अपना काम करेगा ही। भगोड़े को पकड़ने के प्रयास चल ही रहे हैं। उसकी संपत्ति लोन चुकाने के लिये पर्याप्त नहीं है तो उसका लोन माफ होना तय है। उसकी गांड से नहीं पैसा बन जायेगा। अगले पर नहीं है तो पैसा कहाँ से ले लोगे? ~ Shubhanshu Dharmamukt 2020©
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