मजदूरों और किसानों के कार्य महत्वपूर्ण होते हुए भी उनको सम्मान से नहीं देखा जाता। उसका कारण उनका कम या बिल्कुल शिक्षित न होना है। अनपढ़ व्यक्ति का कोई सम्मान नहीं करता है, जब तक उसे नेता या धनवान बनते न देखा जाए।
किसानों और मजदूरों की दुर्दशा अशिक्षा के कारण ही है क्योंकि अशिक्षित व्यक्ति को शिक्षित व्यक्ति तब तक अपमान से देखता है, जब तक वह शिक्षित या धनवान न हो जाये। निर्धनता तो पढ़े लिखों का भी सम्मान छीन लेती है। सब उनको नकलची या फेक डिग्री वाला समझने लगते हैं।
शिक्षा ही आपकी आज़ादी की और सम्मान की चाभी है। इसे पाकर ही आप समाज में उच्च स्थान पा सकते हैं। शिक्षा पाकर आप किसानी कीजिये या मजदूरी भी कर सकते हैं तो वही कीजिये। कोई भी काम छोटा नहीं होता, अगर उसे कुशल और शिक्षित व्यक्ति करे।
नौकरी वही करे जिसे नौकर बनना हो। किसान और मजदूर तो अपने मालिक खुद बन सकते हैं। गर्व से लोगों के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर श्रम कीजिये और गर्व से सबके लिये अपने खेतों में फसलों का सोना उगाइये।
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