स्तनों की बनावट में 2 महत्वपूर्ण घटक होते हैं। वसा (fat) और प्रोटीन। प्रोटीन की वास्तविक बढ़त व सीमा, ऑक्सीटोसिन हार्मोन (प्रेम हार्मोन) की मात्रा, माता-पिता के जीन्स और पोषण की सही मात्रा निर्धारित करती है। अतः स्तन एक बार जिस सीमा तक विकसित हो जाते हैं उससे ज्यादा बड़े, सख्त और तनाव युक्त नहीं हो सकते।
इसी लिये स्तनों को उभारने, पुष्ट और तनाव युक्त करने के लिये इम्प्लांट सर्जरी ही विकल्प रह जाता है।
आपने जितने भी, सर्जरी के अलावा उपायों से फायदा देखा है उसके पीछे कुछ सामान्य कारण होते हैं। जैसे
1. फैट की मात्रा अधिक होने से स्तन अस्थाई रूप से बड़े दिख सकते हैं लेकिन लटके रहेंगे।
2. प्रोटीन की कमी से भी बड़े और कठोर स्तन ढल जाते हैं।
3. प्रोटीन और फैट, दोनो ही सही मात्रा में न हों तो पोषण, मसाज और व्यायाम स्तनों को कामुक और ठोस बना सकते हैं।
4. प्रोटीन स्तन का आभासी कंकाल बनाता है जो दबाने पर कठोर जालिका के रूप में महसूस किया जा सकता है। वसा लिपिड्स के रूप में इन प्रोटीन रेशों को चिकनाहट और सहारा प्रदान करता है। दोनो के संयोग से स्तनों का सही विकास होता है।
5. स्तन दबाने और मालिश करने से और मजबूत व सख्त होते हैं। ऐसा उनमें मौजूद प्रोटीन की मांसपेशियों के टूटने और दोबारा और मोटे जोड़ बना कर जुड़ने से होता है। ऐसा हर बॉडीबिल्डिंग करने वाले के शरीर के साथ वजन उठाने पर भी होता है। स्तनों को इतना ही दबाएं जितना बर्दाश्त कर सकें। परंतु हल्का दर्द भी हो, तो ही स्तन मजबूत और सख्त होंगे। दर्द मासंपेशियों के टूटने से होता है। निप्पलों पर हल्का पानी दिखना पर्याप्त मर्दन के लिये काफी है, परन्तु इतना भी न दबाया जाय कि रक्त निकल आये।
6. स्तन दबाने से ढीले नहीं होते। ढीले होने की अफवाह संकीर्ण विचारों वालों ने फैलाई है। दरअसल स्तन दबने के बाद लड़कियों को आनंद आता है (प्रायः संभोग के दौरान) और वे ज्यादा रिलेक्स हो जाती हैं। इस कारण से उनके स्तन भी रिलेक्स हो जाते हैं जो केवल कुछ समय के लिये ही ढीले होते हैं।
7. स्तन कोई लड्डू नहीं हैं जो दबाने पर फूट जाएंगे। इनका निर्माण ही स्पंजी कोशिकाओं से हुआ है जो दबाने के लिए ही बने हैं। ये मैथुन गद्दी कहलाते हैं जो मेढ़क में दूसरे तरीके की पाई जाती है। स्तन मसलने से वे मैथुन के समय योनि में तरलता लाते हैं और ओर्गास्म जल्दी होता है। जो महिला मैथुन के समय अपने स्तनों को मर्दन करवाती हैं उनको ओर्गास्म खूब बढ़िया और जल्दी होता है।
8. सभी तरह की ब्रा स्तनों को ढीला, बेडौल और दर्दभरा बनाती हैं। अगर बहुत ज़रूरी हो जैसे दौड़ते समय उछलने से रोकना, तो ही मुलायम स्पोर्टस ब्रा पहनिए। निप्पल दिख रहा है, ऐसा सोच कर कभी ब्रा न पहनिए। निप्पल है तो दिखेगा ही। बिना निप्पल के भला कौन आपको पसन्द करेगा?
~ Shubhanshu Dharmamukt 2020©
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