विशेष: आपको मेरा लहजा स्वप्रसंशा वाला लग रहा होगा। जब आप अगले से कम होते हैं तो हम उसके ऊपर घमण्ड करने का आरोप लगा कर तुष्ट हो जाते हैं। हमें बड़े से बड़ा शख्सियत वाला व्यक्ति एक दम दीन-हीन गिड़गिड़ाने वाली हालत में ही पसन्द आता है और आश्चर्य की बात तो यह है कि एक घमंडी व्यक्ति भी ऐसे ही देखना चाहता है सभी को। फिर घमंडी/अहंकारी/एरोगेंट कौन हुआ? मैं तो अपने बारे में सत्य लिख रहा हूँ आप पढ़ रहे हैं। फिर भी मैं आपको अगर घमंडी दिखा तो खुद सोचिये कि अगर मैं घमंडी होता तो आपको ज़लील कर रहा होता। जबकि मैं तो आपको अभी तक जानता भी नहीं। फिर आप कोई भी हों, मुझे जब पता नहीं तो क्या फर्क पड़ता है? अपने बारे में एक अकेला रहने वाला इंसान खुद अपनी तारीफ कर भी रहा है तो अच्छा है न! अपनी बुराई वह करे जो बुरा हो।
अगर आप दूसरे को झुका हुआ देखना चाहते हैं तो घमंडी आप हैं। जो सिर उठा के चलते हैं दुनिया उसी के आगे सिर झुकाती है, सम्मान से।
"हमको इतनी शक्ति देना कि जग विजय करें,
दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें।" ~ शुभाँशु जी! 💐
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