तर्क:
1. फेसबुक के बारे में मार्क जुकरबर्ग से ज्यादा फेसबुकिया जानता है! सज़ा कम नही होगी यह तो लिखा मिल गया। लेकिन poke से उंगली के सिवाय और कुछ होता है ऐसा नही मिला।
2. जब एक व्यक्ति सज़ा पाता है तो केवल poke ही कर सकता है बताने के लिए कि वह सज़ा भुगत रहा है। ऑनलाइन है, मतलब अंदाज़ा लगा लें। इसी बात का गलत मतलब निकाला गया कि यह कोई उपाय है।
3. और अगर गलती से ऐसा कुछ होता भी होता तो poke केवल ब्लॉक (पनिशमेंट) होने पर ही करना सम्भव होता जबकि वह कभी भी कर सकते हैं। मतलब आप अंध्विश्वास को कहीं भी अपना सकते हैं चाहे वह फेसबुक ही क्यों न हो।
शर्म कीजिये आप लोग तो समझदार लगते थे मुझे। ~ शुभाँशु जी 2018©
Note: ऐसे ही कह के लेंगे अगर खुद प्रमाणित कार्य करने शुरू नहीं करते सभी मित्र।
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