मैं शुभाँशु जी हूँ बस! ये क्या है? क्यों है? इससे मुझे कोई लाभ नहीं। कुछ दिन का जीवन है। न जाने कब यह एकाउंट खत्म हो और मैं खत्म।
तो इस नकली दुनिया में 4 दिन के लिये आया मानव खुद को कुछ समझ बैठे तो वह केवल अपना समय बर्बाद कर रहा है।
जिसे जो समझना है, वे समझते रहेंगे। हम बस अपनी जीवन यात्रा पर हैं। ~ शुभाँशु जी 2018©
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