Zahar Bujha Satya

Zahar Bujha Satya
If you have Steel Ears, You are Welcome!

Translate

सोमवार, मई 07, 2018

विचार और अनुभव

विचार और अनुभव (इंद्रियों का) अलग अलग काम करते हैं। जब हम सोच नहीं सकते (नींद में) तब हमारा मस्तिष्क हमारा मनोरंजन करता है, शरीर की आवश्यकता के अनुसार अनुभव पैदा करता है जैसे भूखे सो गए तो भोजन खाते दिखोगे, सेक्स किये बिना सो गए तो वह करोगे, यहाँ तक कि मल मूत्र त्याग की ज़रूरत होने पर दिमाग आपको जगाए बिना टॉयलेट में पहुँच गए ऐसा दर्शा कर बिस्तर पर ही काम तमाम करवा सकता है। तब स्पर्श इंद्री आपको मल-मूत्र का अनुभव करवा कर आपको जगा देती है कि यह भी ठीक नहीं। मतलब इंद्रियां अवचेतन मन (अनियंत्रित विचार) की दुश्मन हैं। ~ शुभाँशु जी 2018©

कोई टिप्पणी नहीं: