मैं केवल यूनिवर्सल truth देने का प्रयास करता हूँ। भले ही समझा नहीं पाता कम शब्दों में। लोगों को 3 घण्टे के प्रवचन समझ आ जाते हैं लेकिन मेरी 30 शब्दों की पोस्ट समझ में नहीं आ पाती। इसीलिये कमेंट में चर्चा होने लगती है। मैं कोई आम विषय नहीं उठाता। मैं वह विषय उठाता हूँ जिसे उठाते हुए लोग थर-थर कांपते हैं। ब्लॉक हो जाने से डरते हैं और मित्र खो देने का खतरा उठाने से बचते हैं।
जबकि मैं बस सत्य का पथिक हूँ जो सत्य है वह सुनाता/दिखाता/पढ़ाता रहूँगा। शायर भी हूँ, गीतकार भी, लेखक और उपन्यासकार भी, वैज्ञानिक भी हूँ और आविष्कारक भी (अभी पेटेंट नहीं) कवि भी हूँ और विश्लेषक भी, लेकिन आपको मैं बस वही दिखाता हूँ जो कड़वा लगे क्योकि सत्यवादी जो ठहरा। इसलिये आप यह सब अनदेखा कर देते हैं और बस एक शब्द आपको याद रहेगा कि मैं सनकी हूँ। ~ शुभाँशु जी 2018©
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