महिलाओं को गैरज़रूरी शरीर ढँकना, शर्मगाहों (यौन अंग) ढंकने, यहाँ तक कि चेहरा भी छुपाने 😂 की सलाह आपको धार्मिक पुरूष देंगे। उनको खुद से बचाने के लिये। 😂 तो इनकी रिश्तेदार महिलाओं, गलती से भी इनको अपना चेहरा मत दिखा देना। उसमें भी एक छेद दिखता है इनको। अपने ही लोगों से बचाने के लिये कानून नहीं बल्कि वस्त्र पुलिस की ज़रूरत है।
वस्त्र पुलिस ज़िंदाबाद!
साले बलात्कारी धार्मिकता के चोले ओढ़े घटिया लोग। जिनको खुद पर भरोसा नहीं। छी। कैसे बलात्कारी सँस्कृति और धर्म हैं जो खुद पर काबू रखना नहीं सिखाते बल्कि वस्त्रों में छिपा कर बन्द मुट्ठी लाख की बना देते हैं। जबकि वह खाक की है। टेढ़े-मेढ़े शरीरों को कोई शौक से नहीं देखता। ढंकते वही हैं जिनका शरीर बेडौल होता है। अपनी कमी छुपाने का बहाना है कि वे अपना ख्याल नहीं रखते।
हम नँगा देखना चाहते हैं? हाँ जी हम सब नँगे पैदा होते हैं तो क्या हमें कोई नहीं देखना चाहता? आप चाहते हैं कि आपका बच्चा सूट-बूट में पैदा हो?
नहीं, आप उसे नँगा ही पैदा होता देखना चाहते हो। नवजात शिशु से बलात्कार करने वालों को ऐसा कुछ करना चाहिए कि बच्चे भी कपड़े पहन के पैदा हो। 😬
कपड़े पहन कर क्या दिखाना चाहते हो? कि अगर कानून के मुताबिक न पहनें तो कानून के डर के बिना अपने ही लोग आपके साथ बलात्कार कर देंगे? अगर सिर्फ कपड़ा ही बलात्कार रोकता है तो कानून किस के लिए बनाया है? ख़त्म करो कानून। जब आपकी वस्त्र पुलिस है न! ~ Vn. Shubhanshu SC 2018©
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें