वीगनिस्म को लोग हिन्दू-जैन-बौद्ध-सिख धर्म से जोड़ कर देख लेते हैं, जबकि कोई भी हिन्दू-जैन-बौद्ध-सिख vegan नहीं होता। वो lacto-ovo-honay-vegetarian होते हैं। अर्थात dairy, honey और eggs को वनस्पति अधारित भोजन के साथ खाने वाले।
जबकि धर्म के नज़रिए से देखा जाए तो मांसभक्षियो में सिख, मुस्लिम, ईसाई, पारसी इत्यादि आते हैं। शाकाहार एक सर्वाहारी प्रकार की diet है जबकि वीग्निसम एक जीवनशैली है जिसमे herbivores diet सिर्फ एक भाग है जो ये भी साबित करती है कि मनुष्य का सर्वाहारी होना एक मिथक है।
मनुष्य पूरी तरह स्वस्थ√ और लम्बा यौवन भरा* जीवन जी सकता है अगर वह इसे जल्दी ही अपनाता है अर्थात, 30 साल की उम्र से पहले। मैंने 10 वर्ष की उम्र में अपनाया।
उसके बाद अपनाने में जो carsinogens, bad cholesterol, hormones etc मजबूती और गहराई से जमा हो चुके होते हैं उनको हटाने में बहुत देर हो सकती है। तब तक शायद वे अपना काम कर जाएं।
साथ ही
1. क्रूरता मुक्त जीवन शैली।
2. खुद को जानवरों के साथ जोड़ने का आनंद, जैसे आप अपने कुत्ते को प्यार करते हैं।
4. जियो और जीने दो के सिद्धांत के पालन का सुख।
5. जानवरों को वस्तु न समझ कर मित्र समझने का सुख।
6. उनका शोषण रोकने में, जैसे तांगा, बैल गाड़ी इत्यादि।
7. उनका फर, चमड़े, और भोजन (जैसे शहद, दूध इत्यादि) को न लेना।
8. Dairy उद्योग नर बछड़े के हिस्से का दूध छीन कर उसे मार देने का और जानवर के साथ बलात्कार तथा अत्याचार का प्रमुख ज़िम्मेदार है।
√क्योकिं arteries में cholesterol ही अवरोध पैदा करता है और ह्रदयघात का मुख्य कारण है। सभी के मांस, अंडे और दूध में carsinogens और cholesterol पाए जाते हैं, जो कैंसर, मधुमेह, जोड़ों के दर्द, गठिया और अन्य लाइलाज बीमारियों का जनक बनता है। जबकि वनस्पति जगत इन सब से मुक्त है।
*क्योकि फ्री रेडिकल जो बूढ़ा बनाता है, उसे नष्ट करने वाला एंटीऑक्सीडेंट केवल वनस्पतियों में ही पाया जाता है।
- एक खास post उनके लिये जिनको वीगनिस्म धार्मिक लगता है। vegan नास्तिकों से जुड़ने के लिये vegan atheist ग्रुप join करें। Shubhanshu
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