एक बार शुभाँशु जी एक सुनसान जगह पर गए। उधर देखा कि कुछ गुंडे डील कर रहे थे। सबके पास देशी कट्टे थे। शुभाँशु जी ने भी अपनी जेब में हाथ डाला और एक बड़ा सा कट्टा निकाला।
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और खुरपी से गमलों के लिये उसमें मिट्टी खोद के भरने लगे। इसीलिए तो आये थे। ~ शुभाँशु जी 2018©
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